पहाड़ के छोटे से गांव बल्याउं का बेटा बना सेना में लेफ्टिनेंट..सूबेदार मेजर पिता का सिर गर्व ऊंचा
पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के छोटे से गांव बल्यांउ में रहने वाले करण सिंह माहरा उत्तराखंड के उन होनहार युवकों में शामिल हैं जो बीते शनिवार को हुई देहरादून की पासिंग आउट परेड के बाद अफसर के पद के लिए चुने गए हैं।
Dec 14 2020 6:04PM, Writer:Komal Negi
देहरादून के आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में इस बार उत्तराखंड के नौजवानों का वर्चस्व कायम रहा। भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में बीते शनिवार को देश को कई नए जांबाज मिले। यह पल प्रदेश के लिए बेहद गौरवान्वित रहा। कैडेट पासिंग आउट परेड में शामिल रहे सभी युवाओं के परिवार वालों के चेहरे पर खुशी के भाव स्पष्ट झलक रहे थे और परेड में एक साथ कदमताल कर रहे जाबाजों का जोश हर एक शख्स के मन को उत्साहित कर रहा था। परेड में शामिल सभी जवानों ने एक साथ भारत की रक्षा करने की कसम खाई और भारतीय सेना में शामिल हुए। उत्तराखंड के कई युवा अपने कड़ी मेहनत और ऊंचे हौसले की वजह से भारतीय सेना में अफसर के पद पर भर्ती हुए। सैन्य अकादमी देहरादून में 325 जैंटलमैन कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बने और इसमें से उत्तराखंड के 24 जेंटलमैन केडेट्स भारतीय सेना में अफसर बने हैं। इन अफसरों में पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग स्थित छोटे से गांव के करण सिंह माहरा का भी नाम शुमार है।
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पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के छोटे से गांव बल्यांउ में रहने वाले करण सिंह के सेना में अफसर बनने के बाद से उनके गांव समेत पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। विकासखंड के एक छोटे से गांव बल्यांउ के रहने वाले करण सिंह माहरा अपने गांव से सेना में अफसर पद पर भर्ती होने वाले पहले युवक हैं। उन्होंने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद प्राप्त कर यह साबित कर दिया है कि अगर मन में कुछ करने की लगन हो और इच्छाशक्ति हो तो आप हर चीज प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने भारतीय सेना में अफसर का पद पाकर पूरे परिवार का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। आपको बता दें कि उनके पिता सूबेदार मेजर लक्ष्मण सिंह माहरा अपने बेटे की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। परेड के बाद करण माहरा के अफसर बनने के गौरवशाली पल पर उनके माता-पिता वहां उनके साथ मौजूद रहे।