उत्तराखंड में ठंड ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड..दो जिलों में कोल्ड डे कंडीशन का अलर्ट
मौसम विज्ञानियों के अनुसार प्रदेश में 17 दिसंबर को अधिकतम और न्यूनतम तापमान सबसे कम रहा। ऐसा दस साल बाद हुआ है।
Dec 18 2020 3:46PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड समेत पूरा उत्तर भारत इस वक्त कड़ाके की ठंड से जूझ रहा है। ऐसा लगता है कि सर्दी का सितम कभी खत्म ही नहीं होगा। बात करें उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की तो कई जगहों पर तापमान माइनस से नीचे चला गया है। बीते शनिवार को पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी का असर अब तक महसूस हो रहा है। गुरुवार को उत्तराखंड में ठंड ने पिछले दस सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। हाड़ कंपाने वाली ठंड ने सभी लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार प्रदेश में 17 दिसंबर को अधिकतम और न्यूनतम तापमान सबसे कम रहा। ऐसा दस साल बाद हुआ है, जब दिसंबर में तापमान इसतरह गिर हो। मौसम विज्ञानियों के अनुसार दिसंबर के पहले पखवाड़े में इतनी ठंड पिछले दस सालों में पहली बार पड़ी है। गुरुवार को ठंड ने बेतहाशा कंपकंपी छुड़ाई। प्रदेश में सुबह से ही कोहरा छाया हुआ था। कोहरे के साथ शीतलहर चलने से हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। दिन में थोड़ी देर के लिए धूप तो खिली, लेकिन ठंड से राहत नहीं मिली।
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पाले को देखते हुए विभाग ने अगले पांच दिन के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा दो जिलों में कोल्ड डे कंडीशन भी बन सकती है। ये जिले हैं हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर। यहां रह रहे लोग अगले कुछ दिन सतर्क रहें। ठंड से अपना बचाव करें। सूर्यदेव के दर्शन देने के बाद भी ठंडी हवाएं कंपकंपी छुड़ाती रहीं। पहाड़ी इलाकों में लोग घरों में ही दुबके रहे। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। लोग सिर्फ जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। पहाड़ में पाले से परेशानी बढ़ी है तो वहीं मैदानी इलाकों में कोहरे का कहर जारी है। लोग ठंड से बचने के लिए हर जतन कर रहे हैं, लेकिन बचाव के सभी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। गुरुवार को ठंड से बचाव के लिए लोग जगह-जगह अलाव का सहारा लेते नजर आए। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले 5 दिनों तक ठंड से राहत नहीं मिलेगी। शीतलहर चलने की वजह से ठंड बढ़ेगी। रात का तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहेगा। अगले पांच दिनों के लिए पाला गिरने को लेकर यलो अलर्ट भी जारी किया गया है। पाला गिरने से शीतलहर का प्रकोप बढ़ेगा।