उत्तराखंड: कोटद्वार से रामनगर की दूरी हुई आधी..इस रूट पर जल्द चलेंगी GMOU बसें
इस रूट पर बसों का संचालन होने से कोटद्वार-रामनगर की दूरी लगभग आधी हो गई है। पढ़िए उत्तराखंड से आई ये सुखद खबर-
Dec 22 2020 4:27PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड से एक सुखद खबर सामने आ रही है। अब उत्तराखंड में फिर से कोटद्वार- रामनगर के बीच जीएमओयू की बसों का संचालन शुरू होने जा रहा है। अब कोटद्वार से रामनगर की दूरी लगभग आधी हो चुकी है और जीएमओयू की बसों के संचालन को लेकर अनुमति भी मिल गई है। पाखरों- मोरघट्टी से लेकर कालागढ़ होते हुए रामनगर जाने वाले कंडी मार्ग के बीच अब जीएमओयू (गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड) की बस सेवा जल्दी शुरू होंगी। पहले हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बसों का संचालन बंद हो गया था मगर अब फिर से इन बसों का संचालन शुरू होने जा रहा है जो कि राज्य के निवासियों के लिए एक सुखद खबर है। अब कोटद्वार से रामनगर बहुत ही कम समय में पहुंचा जा सकेगा। इस रूट पर जीएमओयू (गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड) की बसें संचालित करने की अनुमति मिल गई है। बीते शुक्रवार को वन मुख्यालय में वन मंत्री हरक सिंह की बैठक में यह फैसला लिया गया और इस मार्ग के शुरू होने पर कोटद्वार और रामनगर की बीच की दूरी लगभग आधी रह जाएगी। आने वाले 25 दिसंबर को वन मंत्री हरक सिंह रावत स्वयं इस मार्ग पर परिवहन संचालन का शुभारंभ करेंगे।
यह भी पढ़ें - गढ़वाल: सेना भर्ती में 2744 में से 522 युवा ही पार कर सके पहला पायदान..बाकियों का दम फूला
वन मंत्री हरक सिंह रावत के मुताबिक पहले इस रूट पर बसों का संचालन होता था मगर हाईकोर्ट के आदेश पर बसों का संचालन बंद कर दिया गया। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने केवल निजी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई थी। जीएमओयू की बसें सार्वजनिक परिवहन का हिस्सा हैं मगर इसके बावजूद भी इन बसों के संचालन पर अधिकारियों ने रोक लगा दी थी। इस रूट से रामनगर और कोटद्वार के बीच तकरीबन 80 किलोमीटर की दूरी बाकी रह जाती है। रोक लगाने के बाद से अब तक लोगों को यूपी से होते हुए यह रूट 160 किलोमीटर का पड़ता है मगर बसों के संचालन के बाद यह रूट मात्र 80 किलोमीटर का रह जाएगा। इस रूट पर फिलहाल निजी वाहनों के संचालन का अनुमति नहीं मिली है। केवल जीएमओयू की बसों को ही इस रूट पर संचालित करने की अनुमति दी गई है। निजी वाहनों को इस रूट का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति की जरूरत पड़ेगी।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: कभी प्रोफेसर थे देहरादून के नए SSP योगेंद्र सिंह रावत..जानिए उनके बारे में कुछ खास बातें
वन मंत्री के मुताबिक इस रूट पर बस संचालन होने पर सामान्य यात्रियों को सबसे अधिक राहत मिलेगी। जो सफर 160 किलोमीटर में पूरा होता था अब वह महज आधा रह गया है और 80 किलोमीटर में पूरा हो पाएगा। पर्यटकों के लिए पाखरों से जिप्सीयों का संचालन किया जा रहा है। अब कोटद्वार से कांडा होते हुए कॉर्बेट के ढिकाला जोन तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। चलिए आपको बताते हैं कि यह रूट आखिर क्यों बंद हुआ था। हाईकोर्ट ने भूस्खलन के कारण वन क्षेत्र में आवाजाही के लिए इस रूट को बंद कर दिया था। हरक सिंह के मुताबिक कॉर्बिट फाउंडेशन से मिले फंड से इस रूट की मरम्मत करवाई गई है और अब यह आवाजाही के लिए पूरी तरह तैयार है। आने वाले 25 दिसंबर को वे स्वयं इस रूट पर परिवहन संचालन का शुभारंभ करेंगे और आम यात्रियों के लिए बसों का संचालन शुरू होगा।