उत्तराखंड: मां से बिछड़ गया गुलदार का शावक..दो दिन से हो रही है मां की तलाश
यूएसनगर के काशीपुर में 20 घंटे के बाद भी बिछड़े हुए गुलदार के शावक को उसकी मां लेने नहीं पहुंची है। वन विभाग को उम्मीद है कि मां अपने शावक को ढूंढते हुए जरूर पहुंचेगी।
Jan 7 2021 11:45PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के यूएसनगर के काशीपुर में 20 घंटे के बाद भी मादा तेंदुआ अपने शावक को लेने नहीं पहुंची। काशीपुर में लोग और वन विभाग इस उम्मीद से तेंदुए के शावक को नाले किनारे छोड़ कर गए थे कि अकेला होने पर उसकी मां उसको लेने पहुंचेगी, मगर बुरी खबर यह है कि 20 घंटे के बाद भी उसकी मां अब तक अपने बच्चे को लेने नहीं पहुंची है। ऐसे में 1 माह के उस बच्चे की जान बचाने के लिए वन विभाग की टीम ने शावक को दूध और ग्लूकोस मिलाकर एक बार फिर से उसी जगह पर छोड़ दिया है, इसी उम्मीद में कि मादा तेंदुआ दोबारा शावक को ढूंढते हुए मौके पर आएगी और उसको अपने साथ ले जाएगी। वहीं वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश भी दे दिए हैं। और मादा गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वहां पर कैमरे भी लगाए गए हैं।
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बीते मंगलवार की सुबह काशीपुर के कचनालगाजी के निवासी जीत सिंह को अपने खेत में 1 महीने का तेंदुए का शावक मिला था और उसने गांव वालों को इस बारे में सूचित किया। गांव वाले 1 माह के शावक को अपने साथ ले आए। ग्रामीणों ने शावक के मिलने की सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शावक को अपने पास रख लिया। वन विभाग की टीम में शाम को लगभग 5 बजे शावक को एक टोकरी में रखकर उसी स्थान पर छोड़ दिया जहां से ग्रामीणों ने उसको उठाया था। वन विभाग को यह उम्मीद थी कि उसकी मां शावक को ढूंढते हुए वहां पर जरूर आएगी। वहीं वन विभाग ने मादा तेंदुए की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए वहां पर कैमरा भी लगाया था, मगर 20 घंटे बीत जाने के बाद भी मादा तेंदुआ शावक के पास नहीं पहुंची है।
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वहीं बुधवार की सुबह वन विभाग की टीम ने शावक को ग्लूकोज और दूध पिलाया और एक बार फिर से उसको उसी स्थान पर रखकर टोकरी में छोड़ दिया है। आज शाम को एक बार फिर से वहां पर कैमरा लगाया गया है और मादा गुलदार की मूवमेंट पर नजर भी रखी जा रहे है। वन विभाग को उम्मीद है कि मादा गुलदार अपने बच्चे को खोजते हुए उस जगह पर जरूर आएगी। वहीं उन्होंने ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की चेतावनी दे दी है। मादा तेंदुआ अपने शावक की तलाश में हिंसक भी बन सकती है। इसी को देखते हुए वन विभाग ने वहां के लोगों को एहतियात बरतने की सलाह देती है और अंधेरा होने के बाद घरों से बाहर निकलने से भी मना कर दिया है।