image: CM Trivendra said Those who commit violence on Republic Day they cannot be farmers

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र बोले- जो लोग गणतंत्र पर्व के दिन हिंसा करें, वो किसान नहीं हो सकते

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लाल किले पर हुए उत्पात की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जो किसान 26 जनवरी के पर्व पर दिल्ली में ऐसा कदम उठाए, वो किसान नहीं हो सकते।
Jan 27 2021 1:32PM, Writer:Komal Negi

दिल्ली में इस गणतंत्र दिवस पर जो हुआ, उसके बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। पिछले 60 दिन से अधिक चला आ रहा किसान आंदोलन 26 जनवरी को कुछ शरारती तत्वों की वजह से उग्र हो गया। दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन की हर तरफ निंदा हो रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी लाल किले पर हुए उत्पात की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जो किसान 26 जनवरी के पर्व पर दिल्ली में ऐसा कदम उठाए, वो किसान नहीं हो सकते। 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के नाम पर कुछ अराजक तत्वों ने जो कृत्य किया, वो नहीं होना चाहिए था। इस तरह की घटना हम सब के लिए चिंता का विषय है।

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मुख्यमंत्री ने ये बात गणतंत्र दिवस के मौके पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में कही। भारत विकास परिषद की तरफ से गांधी पार्क में सामूहिक वंदे मातरम गायन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि यह गणतंत्र दिवस हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नए आयाम प्रदान करेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो कुछ हुआ, उससे हमारे किसान भाई अच्छी तरह समझ चुके हैं। इस तरह सरकारी संपत्ति का नुकसान करने का कोई लॉजिक नहीं है, कोई तर्क नहीं हो सकता। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून पूरी तरह किसानों के हित में हैं। इससे किसानों की आय दोगुनी करने करने का लक्ष्य पूरा होगा।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि जो किसान इस अराजकता फैलाने वाले उपद्रव में शामिल नहीं हुए, उन्हें वे नमन करते हैं। हमारे राज्य में इस तरह की कोई घटना न हो इसके लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विकास परिषद की तरफ से पिछले 35 सालों से राष्ट्र जागरण, देशभक्ति और भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करने से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आज उनके जन जागरण के कार्यक्रमों का स्वरूप भी व्यापक हो गया है। राष्ट्र जागरण से ओत-प्रोत इस तरह के कार्यक्रम उनकी पहचान बन गए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कलाकारों को सम्मानित भी किया।


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