उत्तराखंड: नेपाल बॉर्डर पर झील फटने की आशंका..दोनों जगह हाई अलर्ट
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की सीमाएं नेपाल और चीन जैसे देशों से सटी हैं। ऐसे में अगर झील फटती है तो तबाही सिर्फ नेपाल में ही नहीं बल्कि भारत में भी आएगी।
Feb 3 2021 6:04PM, Writer:Komal Negi
प्राकृतिक आपदा के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील राज्य है। साल 2013 में हुई केदारनाथ आपदा को भला कौन भूल सकता है। इस वक्त उत्तराखंड पर एक और बड़ा खतरा मंडरा रहा है। नेपाल प्रशासन ने पिथौरागढ़ जिले के मालपा के महाकाली नदी पर बनी एक झील के फटने की आशंका जताई है। नेपाल प्रशासन की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए भारत भी सतर्क हो गया है। हालांकि फिलहाल भारतीय प्रशासन के पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। झील के फटने की आशंका के चलते नेपाल भी हर स्तर पर सतर्कता बरत रहा है। नेपाल ने अलर्ट जारी करते हुए महाकाली और शारदा किनारे बसी आबादी और नदी में कार्य कर रहे लोगों को सतर्क रहने का फरमान जारी किया है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की सीमाएं नेपाल और चीन जैसे देशों से सटी हैं। ऐसे में अगर झील फटती है तो तबाही सिर्फ नेपाल में ही नहीं बल्कि भारत में भी आएगी।
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नेपाल के सीमांत कंचनुपर जिले के जिला प्रशासन कार्यालय ने इसे लेकर रिपोर्ट जारी की है। नेपाल के प्रशासनिक अधिकारी कृष्णानंद जोशी की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक लंबे समय से दार्चुला के मालपा नामक स्थान में महाकाली नदी पर बनी झील किसी भी वक्त फट सकती है। झील में जमा पानी तबाही की वजह बन सकता है। नेपाल में झील के फटने की आशंका के चलते अलर्ट जारी किया गया है। वहीं टनकपुर प्रशासन ने कहा कि उन्हें नेपाल प्रशासन की ओर से जारी अलर्ट की जानकारी है, लेकिन भारतीय प्रशासन के पास फिलहाल ऐसी कोई सूचना नहीं है। फिर भी एहतियात के तौर पर हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। एनएचपीसी के टनकपुर बैराज प्रशासन और खनन में लगे श्रमिकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। धारचूला के एसडीएम अनिल शुक्ला ने भी एहतियाती कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नेपाल प्रशासन की इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।