चमोली आपदा: 8 महीने की गर्भवती डॉक्टर ने बचाई 12 लोगों की जान..बिना सोए ड्यूटी पर डटी रही
आपदा काल में डॉ. ज्योति बिना सोये लगातार 3 दिनों तक काम करती रहीं। इस दौरान वो थकान से बेहोश भी हुईं, लेकिन अपने मिशन से पीछे नही हटीं।
Feb 16 2021 9:41PM, Writer:Komal negi
कुछ लोग मिसाल बनकर कई जिंदगियों को रौशन कर देते हैं। चमोली में आपदा प्रभावितों की जान बचाने के मिशन में जुटीं डॉ. ज्योति ऐसी ही शख्सियत हैं। 8 महीने की गर्भावस्था होने के बावजूद डॉ. ज्योति ने आपदा प्रभावित मरीजों के लिए जो किया, उसके लिए उन्हें पूरा देश सलाम कर रहा है। आपदा के बाद डॉ. ज्योति ने तीन दिन तक बिना सोये घायलों का इलाज किया। इस दौरान उन्होंने 12 मजदूरों की जान बचाई। डॉ. ज्योति मूलरूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। वो इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात हैं। डॉ. ज्योति की तैनाती नवंबर महीने में जोशीमठ में हुई थी, फिलहाल ज्योति जोशीमठ के आईटीबीपी के अस्पताल में तैनात हैं। डॉ. ज्योति प्रेग्नेंट हैं। प्रेग्नेंसी को 8वां महीना चल रहा है। डिलीवरी के लिए डॉ. ज्योति हिसार जाने वाली थीं। तभी 7 फरवरी की सुबह सूचना मिली कि ग्लेशियर टूटने से कई लोग हाइड्रो परियोजना के तहत बन रही टनल में फंस गए हैं। अचानक आई विपदा का पता चलते ही डॉ. ज्योति ने अपने घर लौटने का प्लान टाल दिया और आपदा में घायल लोगों की सेवा में जुट गईं। आगे पढ़िए
डॉ. ज्योति बिना सोये लगातार 3 दिनों तक काम करती रहीं। इस दौरान वो थकान से बेहोश भी हुईं, लेकिन अपने मिशन से पीछे नही हटी। मरीजों की मदद के लिए हर वक्त अस्पताल में मौजूद रहीं। डॉ. ज्योति बताती हैं कि आपदा वाले दिन एक टनल में फंसे 12 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया था। जब इन्हें अस्पताल लाया गया तो किसी को हाइपोथर्मिया था तो किसी का ऑक्सीजन का स्तर काफी कम था। उस वक्त वो अस्पताल में मौजूद एकमात्र डॉक्टर थीं, इसलिए वो लगातार मरीजों की सेवा में जुटी रहीं। इस तरह समय पर इलाज मिलने से इन सभी की जान बच गई। चमोली में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान डॉ. ज्योति अब भी मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं। आपदा के वक्त डॉ. ज्योति ने खुद के बारे में न सोचकर दूसरों के बारे में सोचा। डॉ. ज्योति जैसे लोग ही मतलबपरस्ती की इस दुनिया में इंसानियत की मशाल जलाए हुए हैं। राज्य समीक्षा टीम डॉ. ज्योति को सैल्यूट करती है।