शाबाश भुला: रुद्रप्रयाग के दूरस्थ गांव का बेटा बना इसरो में वैज्ञानिक..बधाई दें
पहाड़ के दूरस्थ गांव से निकल कर इसरो तक पहुंचने के लिए अनुभव ने कड़ी मेहनत की। वो रुद्रप्रयाग के दूरस्थ गांव नागजगई के रहने वाले हैं।
Feb 17 2021 7:38PM, Writer:Komal negi
पहाड़ की जिंदगी मुश्किल ही सही, लेकिन इन मुश्किलों पर जीत हासिल करने का हुनर यहां के युवा बखूबी जानते हैं। दूरस्थ गांवों में रहने वाले होनहार युवा तमाम चुनौतियों पर जीत हासिल कर सफलता का आसमान छू रहे हैं। रुद्रप्रयाग के रहने वाले अनुभव शुक्ला पहाड़ के ऐसे ही होनहार युवाओं में से एक हैं। उनका चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में वैज्ञानिक के तौर पर हुआ है। अब अनुभव शुक्ला इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में वैज्ञानिक के तौर पर सेवाएं देंगे। अनुभव शुक्ला के इसरो के लिए चयनित होने पर केदारघाटी में जश्न का माहौल है। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है। अनुभव शुक्ला बसुकेदार तहसील के नागजगई गांव के रहने वाले हैं। नागजगई रुद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ गांवों में से एक है। पहाड़ के दूरस्थ गांव से निकल कर इसरो तक पहुंचने के लिए अनुभव ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने 2016-20 तक इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन वलियमाला, तिरुवनन्तपुरम से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।
बचपन से ही होनहार और मेहनती रहे अनुभव की शुरुआती पढ़ाई ज्ञानांजलि पब्लिक स्कूल नागजगई में हुई। बाद में उन्होंने गुप्तकाशी के जैक्सविन नेशनल इंटर कॉलेज में एडमिशन लिया। थोड़े वक्त बाद उनका चयन नवोदय विद्यालय के लिए हो गया। इस तरह उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय जाखधार से पास की। अनुभव के पिता राजेश शुक्ला पेशे से अध्यापक हैं, जबकि माता चेतना शुक्ला एक गृहिणी हैं। पिता शिक्षक हैं, इसलिए अनुभव को पढ़ाई में भी काफी मदद मिली। माता-पिता के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत के दम पर वो इसरो में वैज्ञानिक बनने में कामयाब रहे। अनुभव का छोटा भाई वैभव शुक्ला हिमालयन मेडिकल कॉलेज जौलीग्रांट से बीएएमएस कर रहा है। पहाड़ के होनहार लाल अनुभव ने इसरो में वैज्ञानिक बन प्रदेश का नाम रोशन किया है। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से उन्हें ढेरों बधाई। उनकी सफलता का सफर यूं ही जारी रहे, हम यही कामना करते हैं।