उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन, इन वजहों से त्रिवेंद्र को गंवानी पड़ी CM की कुर्सी
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की घटना नई नहीं है, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत का यूं अचानक मुख्यमंत्री पद से हट जाना, सबको हैरान कर गया।
Mar 10 2021 9:37AM, Writer:Komal Negi
राजनीति में सब कुछ अनिश्चित है। मंगलवार सुबह तक त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे, अब पूर्व मुख्यमंत्री हैं। आज त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, इसी के साथ उत्तराखंड में पिछले चार दिनों से जारी सियासी तूफान थम गया है। उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की घटना नई नहीं है, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत का यूं अचानक मुख्यमंत्री पद से हट जाना, सबको हैरान कर गया। सोमवार तक स्थिति कंट्रोल में लग रही थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों की अंदरूनी राजनीति त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही उनके खिलाफ विरोध के सुर उठने लगे थे। बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेता शुरू से ही उनके विरोध में रहे। खैर जैसे-तैसे 4 साल तक त्रिवेंद्र मुख्यमंत्री बने रहे।
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4 मार्च को बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को नया मंडल बनाए जाने की घोषणा के बाद से ही त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ तमाम मामलों को लेकर घेराबंदी शुरू हो गई थी। ऐसे में पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री को बदलने का दबाव था। त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं, जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। पत्रकार उमेश कुमार ने उन पर आरोप लगाए थे कि साल 2016 में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत झारखंड के प्रभारी थे, तो उन्होंने एक व्यक्ति को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर घूस ली थी। घूस के उन पैसों को अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कराया था। इन्हीं सब वजहों के चलते बीजेपी हाईकमान पर नेतृत्व परिवर्तन का दबाव था। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंप दिया है। अब बुधवार सुबह 10 बजे होने वाली विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री का नाम फाइनल किया जाएगा।