उत्तराखंड: 10 महीने का वक़्त..CM तीरथ के सामने ये हैं चुनौतियां
अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में तीरथ सिंह रावत के पास समय कम और चुनौतियां ज्यादा हैं। खुद को साबित करने के लिए उनके पास सिर्फ 10 महीने का वक्त है।
Mar 10 2021 6:47PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड की कमान अब तीरथ सिंह रावत के हाथों में है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद बीजेपी विधानमंडल दल ने तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री चुना। गढ़वाल संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले तीरथ सिंह रावत नई जिम्मेदारी मिलने से उत्साहित हैं, साथ ही भावुक भी। उन्हें खुद को साबित करने के लिए 10 महीने का वक्त मिला है। अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में तीरथ सिंह रावत के पास समय कम और चुनौतियां ज्यादा हैं। चलिए इन चुनौतियों पर नजर डालते हैं। बीजेपी के भीतर असंतुष्ट खेमों की वजह से ही त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी खिसक गई, ऐसे में तीरथ सिंह रावत के सामने हर किसी को साथ रख कर चलने का दबाव होगा। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का मसला भी सुलझाया जाना बाकी है, जिसकी वजह से बीजेपी सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है।
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गैरसैंण को मंडल या कमिश्नरी बनाने का जो विवादास्पद फैसला त्रिवेंद्र रावत कर गए हैं, उससे पार पाना बड़ी चुनौती है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिला विकास प्राधिकरणों को खत्म करने की घोषणा की थी। तीरथ को इस मसले से भी निपटना होगा। राज्य सरकार का खजाना खाली है। स्वास्थ्य व्यवस्था खस्ताहाल है। 2022 के विधानसभा चुनाव में ये बड़ा मसला होगा। तीरथ इसके लिए इतने कम समय में कितना काम कर पाते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा। विपक्ष के हमलों से निपटने के साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को आम आदमी पार्टी से भी निपटना होगा। आप ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली-पानी को बड़ा इश्यू बना दिया है, इन सवालों का जवाब देने के लिए तीरथ सिंह रावत को खुद को तैयार करना होगा। तीरथ सिंह रावत पर अफसरशाही से निपटने का भी दबाव होगा। जनता का दिल जीतने के लिए उन्हें सिर्फ दस महीने का समय मिला है, इतने कम समय में वो जनता के बीच पैठ बनाने में किस हद तक सफल हो पाएंगे, ये जानने के लिए हमें थोड़ा इंतजार करना होगा।