उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर, कुंभ के लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला..2 मिनट में पढ़िए
हरिद्वार कुंभ के लिए में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है।
Mar 24 2021 2:41PM, Writer:Komal Negi
प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हो रहे इजाफे के मद्देनजर सख्ती बरती जाने लगी है। कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद लोगों ने कोविड-19 से बचाव संबंधी नियमों को हल्के में लेना शुरू कर दिया था। इस लापरवाही के गंभीर नतीजे सबके सामने हैं। दूसरे राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के मामलों को ध्यान में रखते हुए शासन ने कुंभ पर सावधानी बरतने के निर्देश जारी कर दिए हैं। आज हुई बैठक के बाद यह तय किया गया है कि हरिद्वार कुंभ के लिए में आने के लिए 72 घंटे पहले की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिए है कि जो भी हरिद्वार कुंभ में स्नान के लिए आएगा वह अपनी 72 घंटे पहले की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आएगा। 1 अप्रैल से हरिद्वार कुंभ का नोटिफिकेशन जारी हुआ है। ऐसे में हरिद्वार कुंभ में स्नान के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इस बार हरिद्वार कुंभ 4 महीने की जगह 1 महीने का ही निश्चित किया गया है, ताकि कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: स्कूल में कोरोना पॉजिटिव मिला छात्र..3 दिन के लिए क्लास बंद
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने जिला प्रशासन, विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के संगठनों और अन्य हितधारकों से कोविड-19 से बचाव के लिए जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने तथा सामाजिक दूरी रखने जैसे सभी उपायों का पालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों में लगभग पांच महीने तक गिरावट आई, लेकिन देश के कई हिस्सों में एक बार फिर संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा। लोग मास्क संबंधी नियमों का भी पालन नहीं कर रहे। जिससे संक्रमण में तेजी आई है। प्रदेश में इन दिनों महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। होली का त्योहार भी नजदीक है। ऐसे में कोविड-19 से बचाव के दिशानिर्देशों का सख्त अनुपालन जरूरी है, ताकि महामारी को नियंत्रित रखा जा सके।