उत्तराखंड में कोरोना से बिगड़े हालात..बड़ा फैसला ले सकती है सरकार
दून में न सिर्फ संक्रमण बढ़ रहा है, बल्कि कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा भी चरम पर है। अगर हालात ऐसे ही रहे, तो यहां लोगों को कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
Apr 8 2021 1:49PM, Writer:Komal Negi
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्य में हो रहे आयोजनों और राजनीतिक गतिविधियों के चलते संक्रमण के मामलों में भारी उछाल आया है। हर दिन कोरोना के सैकड़ों नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में सख्ती बढ़ाई गई है। दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की रैंडम सैंपलिंग हो रही है, लेकिन हालात काबू में नहीं आ रहे। ऐसा ही चलता रहा तो सरकार को सख्त निर्णय लेना पड़ सकता है। प्रदेश में जिस रफ्तार से संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ रही है, उसी रफ्तार से नए कंटेनमेंट जोन भी बन रहे हैं। राजधानी देहरादून में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। दून में न सिर्फ संक्रमण बढ़ रहा है, बल्कि कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा भी चरम पर है। यहां हर दिन नए इलाकों को कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है। मंगलवार को 3 अन्य इलाकों को कंटेनमेंट जोन में शामिल कर लिया गया। इस तरह राजधानी देहरादून में अब कुल कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। यहां गुमानीवाला गली-08, नेहरू कॉलोनी भवन-144, 196 डीएल रोड, नारायण विहार, सरस्वती सोनी मार्ग, गीता आश्रम, गोविंदनगर सी-177, 5/2 ओल्ड सर्वे रोड, विजयपार्क एक्सटेंशन, दीपनगर, हरियाली एन्क्लेव, सहसपुर वार्ड-03, सहसपुर मुख्य बाजार क्षेत्र, गायत्री विहार, सुमनपुरी और टीएचडीसी कॉलोनी कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - नैनीताल में कोरोना का खतरा..2 दिन में 200 ज्यादा पॉजिटिव, दो इलाके सील
अगर अब भी हालात काबू में नहीं आए तो दून के लोगों को कड़े प्रतिबंध झेलने पड़ सकते हैं। इसमें सार्वजनिक समारोह में प्रतिभागियों की संख्या सीमित करने के साथ ही नाइट कर्फ्यू का विकल्प भी शामिल है। राजधानी देहरादून में पिछले दो हफ्तों से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल आया है। ऐसे में राज्य सरकार यहां संक्रमण रोकथाम के लिए कड़े कदम उठा सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शासन ने प्रदेश में संक्रमण की स्थिति पर अगले एक-दो दिन नजर रखने का निर्णय लिया है। उसके बाद कुछ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। फिलहाल 12 राज्यों से उत्तराखंड आने वालों के लिए कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं, लेकिन संक्रमण के मामले यूं ही बढ़ते रहे तो राज्य के भीतर भी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा सकता है।