उत्तराखंड: विदेश छोड़कर अपने गांव लौटा जतिन..शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती, अब लाखों में कमाई
जतिन चाहते तो विदेश में अच्छी पगार वाली जॉब कर सकते थे, लेकिन वो अपने देश में रहकर ही कुछ अलग करना चाहते थे। इसी सोच ने उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की प्रेरणा दी।
Apr 27 2021 12:07PM, Writer:Komal Negi
मन में ठान लो तो मिट्टी से सोना उगाया जा सकता है। ऊधमसिंहनगर में रहने वाले युवा किसान जतिन सिंघल यही कर रहे हैं। उन्होंने बाजपुर में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है, जो कि उनकी आमदनी का बढ़िया जरिया बनने जा रही है। जतिन बाजपुर में रहते हैं। उन्होंने अमेरिका में रहकर वायरलेस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है। जतिन चाहते तो विदेश में अच्छी पगार वाली जॉब कर सकते थे, लेकिन वो अपने देश में रहकर ही कुछ अलग करना चाहते थे। इस बीच उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का ख्याल आया। जतिन ने इंटरनेट पर ड्रैगन फ्रूट की खेती संबंधी जानकारी जुटाई और फिर साल 2018 में गुजरात से ड्रैगन फ्रूट के पौधे लाकर अपने खेतों में रोप दिए। जतिन ने एक हेक्टेयर क्षेत्र में 1300 पिलरों पर 5200 पौधे लगवाए हैं। एक साल बाद ही इन पौधों में फल आने लगे थे। ड्रैगन फ्रूट औषधीय गुणों से भरपूर है। जतिन कहते हैं कि फिलहाल ये फल आमतौर पर विदेश से आयात होता है। इस फल का भारत में उत्पादन मांग का 15 प्रतिशत भी नहीं है। इसकी खेती से प्रति हेक्टेयर 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय हो सकती है। आगे पढ़िए
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एक वर्ष का प्रारंभिक खर्चा करीब 12 लाख प्रति हेक्टेयर है। बाद में देखरेख आदि मिलाकर करीब दो लाख रुपये प्रति वर्ष अलग से खर्चा आता है। लागत के मुकाबले आमदनी ज्यादा है। दूसरे से तीसरे वर्ष में प्रति हेक्टेयर आमदनी 10 से 12 लाख हो सकती है, जबकि तीसरे-चौथे साल में 12 से 15 लाख तक की आमदनी आसानी से हासिल की जा सकती है। एक बार प्लांट लगाने पर इसका फायदा 20 से 25 साल तक मिलता है। जतिन के खेतों में लगे पौधे इस साल जून के बाद फल देने लगेंगे। वो बताते हैं कि बाजार में ये फल ढाई सौ से तीन सौ रुपये प्रति किलो बिकता है। इस तरह अगर कोई इसे डेढ़ सौ रुपये किलो के भाव पर भी बेचे तो एक प्लांट से 15 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है। यहां आपको ड्रैगन फ्रूट के फायदे भी बताते हैं। यह प्राकृतिक गुणों से भरपूर एक ऐसा फल है, जो कोरोना संक्रमण और डेंगू बुखार दोनों से बचाने में सहायक है। ड्रैगन फ्रूट को इसकी मल्टीपल खूबियों के कारण सुपरफूड भी कहा जाता है।