गढ़वाल: सेम गांव के खेत में मिला गुलदार का शव..जगह जगह घाव के निशान
खेतों में मृत मिले गुलदार की उम्र करीब 3 साल है। उसके शरीर पर जगह-जगह घाव के निशान पाए गए हैं।
Apr 27 2021 8:18PM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल में इंसानों ही नहीं वन्यजीवों की जान पर भी बन आई है। जंगल से निकल कर आबादी वाले इलाकों में दाखिल होने वाले जानवर कई वजहों से जान गंवा रहे हैं। ताजा मामला चमोली का है। जहां बदरीनाथ वन प्रभाग के अंतर्गत नंदप्रयाग रेंज स्थित एक गांव में गुलदार का शव मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद अधिकारियों की मौजूदगी में शव को जलाने के बाद दफना दिया गया। शुरुआती जांच में गुलदार की मौत की वजह आपसी संघर्ष बताई जा रही है। घटना सेम गांव की है। जहां मंगलवार को एक गुलदार खेत के किनारे मृत पड़ा मिला। देखते ही देखते ये खबर पूरे गांव में फैल गई। जिसके बाद घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुटने लगी।
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बाद में ग्रामीणों ने नंदप्रयाग वन चौकी में फोन कर घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही वन दरोगा चंद्रशेखर नाथ टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वन अधिकारियों ने बताया कि गुलदार की उम्र करीब 3 साल है। उसके शरीर पर जगह-जगह घाव के निशान पाए गए हैं। गुलदार की मौत का कारण प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष लग रहा है। आपको बता दें कि इन दिनों उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी है। वन संपदा नष्ट होने के साथ जंगल में वन्य जीवों की संख्या भी घट रही है। शिकार की तलाश में गुलदार जैसे जीव आबादी वाले इलाकों में पहुंच रहे हैं, जहां वो इंसानों पर हमला करने के साथ खुद भी हादसों का शिकार हो रहे हैं। मार्च में अल्मोड़ा के सोमेश्वर में एक गुलदार मैनोली नदी के किनारे मृत पाया गया था। साल की शुरुआत में नैनीताल के चौड़ाघाट क्षेत्र में भी एक गुलदार की मौत हो गई थी। तब गुलदार की मौत की वजह बीमारी बताई गई थी।