गढ़वाल में मर गई इंसानियत..बीच रास्ते तड़पती रही महिला, देखते रहे लोग..दर्दनाक मौत
बीमार बुजुर्ग महिला चलते-चलते सड़क पर बेहोश हो गई थी, लेकिन कोरोना के डर से कोई ग्रामीण ये तक देखने नहीं आया कि महिला जिंदा है या मर गई। महिला की सड़क पर ही मौत हो गई।
May 1 2021 4:30PM, Writer:Komal Negi
कोरोना से सिर्फ इंसान ही नहीं मर रहे, इंसानियत भी मर गई है। संक्रमण के डर से लोग बीमार लोगों की मदद तक के लिए आगे नहीं आ रहे। लाशें अस्पतालों के बाहर, सड़कों पर पड़ी हैं, लेकिन इन्हें देख किसी का दिल नहीं पसीज रहा। दिल को झकझोर देने वाली ऐसी ही एक तस्वीर पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर से सामने आई है। यहां एक बीमार महिला की सड़क पर ही मौत हो गई, लेकिन कोरोना के डर से कोई उसके पास नहीं आया। बुजुर्ग महिला के पति ने एंबुलेंस को फोन किया। जिस पर एंबुलेंस गांव के बाहर मुख्य सड़क तक आई भी, लेकिन घर तक नहीं पहुंची। बाद में एंबुलेंस बीमार बुजुर्ग शख्स को अस्पताल ले गई, लेकिन रास्ते में गिरी महिला की तरफ किसी ने देखा तक नहीं। सड़क पर पड़ी महिला की मौत हो गई। मृत महिला की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तब कहीं जाकर प्रशासन हरकत में आया और महिला के शव को उठाकर मोर्चरी में रखवाया। मामला खिर्सू विकासखंड की कोल्ठा ग्राम पंचायत का है। यहां देहरादून के रहने वाले महावीर (62) और उनकी पत्नी कमला देवी (60) कुछ दिन पहले गांव पहुंचे थे। आगे पढ़िए
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इस बीच बुजुर्ग दंपती की तबीयत बिगड़ गई। शुक्रवार को उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन किया। एंबुलेंस वाले ने गांव के बाहर मुख्य मार्ग पर पहुंच कर दंपति को फोन किया तो दोनों एंबुलेंस तक जाने के लिए मुख्य मार्ग की तरफ बढ़ चले। रास्ते में महिला की ज्यादा तबीयत खराब हो गई। वह बेहोश होकर बीच रास्ते में ही लेट गई। जबकि बुजुर्ग शख्स को 108 एंबुलेंस बेस अस्पताल ले आई। इस बीच महिला रास्ते ही लेटी रही, लेकिन कोरोना के डर से कोई उसके करीब नहीं आया। किसी ने ये तक नहीं चेक किया कि महिला जिंदा है या मर गई। मृत महिला की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, तो कुछ स्वास्थ्यकर्मियों को गांव भेजा गया, लेकिन ये भी लाश को उठाने की बजाय गांव में कुछ ग्रामीणों को पीपीई किट थमाकर लौट गए। बाद में प्रशासन की टीम ने शव को सड़क से उठाकर मोर्चरी में रखवाया।