image: Retired military died of corona in Haldwani

उत्तराखंड: कोरोना के बीच ये बेबसी..रिटायर्ड फौजी की मौत के बाद कंधा देने वाले भी नहीं मिले

हालात ये हो गए थे कि देश की सेवा में अपनी पूरी जवानी न्योछावर करने वाले फौजी रमेश चंद को अंतिम समय में चार कंधे तक नसीब नहीं हो सके। बाद में दामाद ने ससुर का अंतिम संस्कार किया।
May 3 2021 4:07PM, Writer:Komal Negi

कोरोना वायरस संक्रमण के साथ लोगों की बेबसी और लाचारी भी बढ़ती जा रही है। आंखों के सामने ही किसी अपने की जान जा रही है और कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। परिजन अपनों को खोने के गम में आंसू तक नहीं बहा पा रहे, न ही उनके अंतिम दर्शन कर पा रहे हैं। एक ऐसी ही दर्दनाक कहानी नैनीताल के हल्द्वानी से आई है। यहां टनकपुर के रहने वाले रिटायर्ड फौजी का कोविड अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके साथ-साथ परिवार के अन्य लोग भी कोरोना संक्रमित मिले थे। सभी को एसटीएच में एडमिट कराया गया है। शुक्रवार की रात परिवार के मुखिया रिटायर्ड फौजी रमेश चंद की मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी और बेटे कपिल राज की हालत गंभीर बनी हुई है। ऐसे में फौजी रमेश चंद के निधन की सूचना उन्हें नहीं दी गई।

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हालात ये हो गए कि देश की सेवा में अपनी पूरी जवानी न्योछावर करने वाले फौजी रमेश चंद को अंतिम समय में चार कंधे तक नसीब नहीं हो सके। बाद में अंतिम यात्रा के वक्त दामाद नितिन ने किसी तरह उनके शव को श्मशान में ले जाकर अंतिम संस्कार किया। नितिन ने बताया कि रमेश चंद की बेटी भी कोरोना संक्रमण के कारण पिता के अंतिम दर्शन के लिए नहीं आ पाई। हालांकि वो फोन पर पल-पल की जानकारी लेती रही। रमेश चंद के निधन का समाचार उनकी पत्नी और बेटे को नहीं दिया गया है। अंतिम संस्कार के लिए दामाद नितिन चंद खटीमा से हल्द्वानी पहुंचे थे। नितिन ने बताया कि सेना से रिटायर्ड ससुर का अंतिम संस्कार ऐसे होगा, ये कभी नहीं सोचा था। स्थिति ऐसी बन गई थी कि अस्पताल में जांबाज रमेश चंद के अंतिम संस्कार तक के लिए कोई मौजूद नहीं था। हमारे दर्द का कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता।


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