image: BRO builds road to China border in Uttarakhand

उत्तराखंड में BRO ने बनाया नया कीर्तिमान..चीन सीमा की अग्रिम चौकियों तक पहुंचाई सड़क

बीआरओ ने स्थापित किया कीर्तिमान। उत्तरकाशी और चमोली जनपद में चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकियों सड़कें पहुंचा कर अपने नाम की बड़ी उपलब्धि। पढ़िए यह सुखद खबर-
May 8 2021 9:59PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड से एक सुखद खबर सामने आई है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी कि बीआरओ ने एक बार फिर से अपना कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। सीमा सड़क संगठन ने उत्तरकाशी और चमोली जनपद में चीन सीमा पर स्थित अपनी अग्रिम चौकियों को सड़क से जोड़ कर एक बार फिर से एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। जी हां, यह सड़कें सेना की आवाजाही को आसान बनाती हैं। सेना के साथ ही गढ़वाल जनपद के आमजन भी इस सड़क से आवाजाही करते हैं। बीआरओ ने अबतक युद्ध स्तर पर कई सड़कों और पुलों का निर्माण किया है और यह सेना के साथ ही गढ़वाल के जिलों और चार धाम की यात्रा के लिए वरदान जैसी हैं। सीमा सड़क संगठन द्वारा भारत-चीन बॉर्डर पर पक्की सड़कें बनाना किसी उपलब्धि से कम नहीं है। भारत-चीन सीमा पर पक्की सड़कों की सबसे ज्यादा जरूरत है क्योंकि उन्हीं सड़कों के जरिए भारतीय सेना आवाजाही करती है। ऐसे में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा चौकियों को सड़क से जोड़ने का यह काम बेहद सराहनीय है। सीमा सड़क संगठन चमोली जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले बद्रीनाथ मार्ग पर युद्ध स्तर पर काम कर रहा है और यहां पर भी बीआरओ ने अंतिम चौकियों तक सड़कों को पहुंचा दिया है जो कि बीआरओ की एक बड़ी उपलब्धि है। आगे पढ़िए

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चमोली जनपद में बद्रीनाथ मार्ग पर अंतिम चौकियों तक सड़क को पहुंचाने से सीमा तक पहुंचने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सेना के लिए आसानी हुई है और वे बिना किसी कठिनाई के आवाजाही कर रहे हैं। चमोली के साथ ही उत्तरकाशी में भी बीआरओ ने अग्रिम चौकियों को सड़क सुविधा से जोड़कर एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। आपको बता दें कि गढ़वाल में सीमा सड़क संगठन के अंदर दो प्रमुख राजमार्ग आते हैं। इनमें ऋषिकेश से बद्रीनाथ राजमार्ग के अलावा चीन सीमा पर स्थित माणा पास और नीति पास को जोड़ने वाली सड़क है और दूसरा राजमार्ग ऋषिकेश गंगोत्री धाम के अलावा भैरव घाटी से चीन सीमा पर स्थित अंतिम चौकियों को जोड़ने वाली सड़क है। उत्तरकाशी जिले में बीआरओ ने सीमा पर पक्की और चौड़ी सड़कें बना दी हैं और इनको भी अंतिम चौकियों से जोड़ दिया है। बीआरओ ने सीमा पर कई पुल बनाकर अपने नाम बड़ी उपलब्धि की है। क्या आप जानते हैं कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर गंगोरी के पास बेली ब्रिज के स्थान पर भी देश का पहला न्यू जनरेशन ब्रिज बीआरओ ने तैयार किया है। असी गंगा नदी पर बना यह पुल 70 टन भार की क्षमता वाला है। बीआरओ गढ़वाल में आई आपदाओं में भी राहत बचाव करने वाली प्रमुख रेस्क्यू टीम में रही है।


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