गढ़वाल: मनेरी गांव में खांसी-बुखार से महिला की मौत..1 महीने में 5 लोग तोड़ चुके हैं दम
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच दूरस्थ गांवों में लोग खांसी-बुखार से पीड़ित होकर दम तोड़ रहे हैं। न जाने ये कौन सा बुखार है जो हर दिन लोगों की जान ले रहा है। पढ़िए पूरी खबर
May 16 2021 11:17PM, Writer:Komal Negi
कोरोना की दूसरी लहर पहाड़ में तबाही बनकर आगे बढ़ रही है। गांव के गांव कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं, लेकिन यहां न तो जांच की सुविधा है न इलाज की। संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच पहाड़ में लोग खांसी-बुखार से जान गंवा रहे हैं, लेकिन मौत की वजह भी साफ नहीं हो पा रही। अब उत्तरकाशी जिले में ही देख लें, यहां सुदूरवर्ती गांव मनेरी में एक महिला की खांसी-बुखार से मौत हो गई। जागरण की खबर के मुताबिक गांव में खांसी-बुखार से मौत का ये पहला मामला नहीं है। पिछले एक महीने के भीतर गांव में पांच से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, वजह वही है खांसी-बुखार। लेकिन न जाने ये कौन सा बुखार है, जो न सिर्फ लोगों को कमजोर बना रहा है, बल्कि उनकी जान भी ले रहा है। 14 मई को यहां मनेरी गांव में 32 साल की एक महिला की मौत हुई। बताया जा रहा है कि महिला को खांसी-बुखार की शिकायत थी। महिला की शिनाख्त शारदा देवी पत्नी रोशन लाल के रूप में हुई
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बुखार से महिला की मौत के बाद गांव में दहशत है, लोग मृतक के अंतिम संस्कार तक के लिए आगे नहीं आए। ऐसे में पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने ही पीपीई किट पहन कर शव का अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक महीने के भीतर यहां पांच से ज्यादा लोगों की मौत खांसी-बुखार से हो चुकी है। इनमें अधिकांश मृतकों के शवों का दाह संस्कार पुलिस ने किया है। आपको बता दें कि सिर्फ उत्तरकाशी ही नहीं टिहरी, चमोली और रुद्रप्रयाग समेत कई पहाड़ी जिलों में ग्रामीण खांसी-बुखार की बीमारी से पीड़ित हैं। चमोली के ईराणी गांव में भी बुखार फैला है। गांव की 80 फीसदी आबादी बुखार और खांसी की चपेट में है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। उन्हें दवा भी दी। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच बुखार होने पर लोग जांच से भी परहेज कर रहे हैं, जिससे दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है।