उत्तराखंड में सुधरने लगा कोरोना का रिकवरी रेट..पढ़िए लेटेस्ट रिपोर्ट
अप्रैल की शुरुआत में उत्तराखंड कोरोना को मात देने के मामले में टॉप के राज्यों में शामिल था, लेकिन अब रिकवरी के मामले में देश की सूची में आखिरी दो पायदान पर पहुंच गया है।
May 21 2021 3:38AM, Writer:Komal Negi
कोरोना की दूसरी लहर उत्तराखंड पर भारी पड़ रही है। एक्टिव केस के मामले में प्रदेश हिमालयी राज्यों में टॉप पर है। मृत्युदर भी राष्ट्रीय दर से अधिक है, लेकिन कुछ है, जिसमें हमारा प्रदेश दुखद रूप से लगातार पिछड़ रहा है। ये है कोरोना की रिकवरी दर। अप्रैल की शुरुआत में उत्तराखंड कोरोना को मात देने के मामले में टॉप के राज्यों में शामिल था, लेकिन बाद में रिकवरी के मामले में देश की सूची में आखिरी दो पायदान पर पहुंच गया था। अभी प्रदेश में रिकवरी रेट 73.87 फीसदी है, जो कि सिक्किम से महज 3 फीसदी ही ज्यादा है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से पॉजिटिव संकेत जरूर मिल रहे हैं, रिकवरी रेट में थोड़ा सुधार आया है..जो कि ठीक संकेत है। वहीं बात करें अन्य राज्यों की तो रिकवरी रेट के मामले में केंद्र शासित अंडमान निकोबार पहले स्थान पर है। यहां 95.3 फीसदी लोग कोरोना से जंग जीतने में कामयाब रहे।
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वहीं अपने प्रदेश के हाल देखें तो एक मई को हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति पर पहुंच गए थे। तब रिकवरी रेट 68.9 फीसदी रिकॉर्ड किया गया। हालांकि 10 मई के बाद राज्य की स्थिति में मामूली सुधार आया है। पिछले पांच दिनों के आंकड़ें देखें तो रिकवरी रेट सुधर रहा है। पांच दिन पहले तक उत्तराखंड का रिकवरी रेट 68.32 फीसदी के पास था, जो कि गुरुवार को 73.87 फीसदी रहा, हालांकि कुछ अन्य राज्यों की तुलना में यहां रिकवरी रेट अब भी कम है। एक अप्रैल को उत्तराखंड में कोरोना का रिकवरी रेट 94.4 फीसदी था, जिसके बाद इसमें लगातार गिरावट आई है। एसटीएच हल्द्वानी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीजों का देरी से अस्पताल पहुंचना राज्य में रिकवरी रेट गिरने की एक बड़ी वजह रही। लोग कोरोना के लक्षण मिलते ही इलाज शुरू करें तो ज्यादा से ज्यादा जानें बचाना संभव हो सकेगा। इसके अलावा जिन जिलों में संक्रमण दर अधिक है, वहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है।