उत्तराखंड: कर्फ्यू में BJP नेता पहुंचे बदरीनाथ धाम..मच गया बवाल
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि शासन-प्रशासन ने उन्हें धाम जाने की अनुमति नहीं दी। उन्हें पांडुकेश्वर से वापस भेज दिया गया। ऐसे में बीजेपी नेताओं को धाम जाने की अनुमति कैसे मिल गई?
May 24 2021 6:34PM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना काल में चारधाम यात्रा बंद है। सरकार ने एसओपी जारी कर कहा था कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए फिलहाल चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया गया है। इस दौरान सिर्फ धाम के पुजारी ही मंदिरों में पूजा कर सकेंगे। अन्य लोगों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी, लेकिन लगता है ये नियम सिर्फ आम लोगों के लिए है। रसूखदार लोग हर नियम-कायदे को ताक पर रख ठसक से चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे हैं। उन्हें मंदिर में पूजा करने से रोका भी नहीं जा रहा। हाल में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और बीजेपी के कुछ नेताओं ने बदरीनाथ धाम में पहुंच कर पूजा-अर्चना की। अब तीर्थ पुरोहितों और कांग्रेस नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन बताया है। बता दें कि शनिवार की शाम उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत कुछ बीजेपी नेताओं के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचे थे, इस मुद्दे पर कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेर लिया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एसओपी के मुताबिक यात्रियों को चारधाम यात्रा पर जाने से रोका जा रहा है। आगे पढ़िए
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तीर्थ पुरोहितों को भी सीमित संख्या में धाम भेजा गया है। स्थानीय लोग भी भगवान के दर्शन नहीं कर पा रहे, लेकिन कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत बीजेपी नेताओं को साथ लेकर बदरीनाथ धाम पहुंच गए। कांग्रेस ने इसे कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन बताया। बता दें कि चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. धन सिंह रावत 19 मई से जिले के भ्रमण पर हैं। शनिवार को उन्होंने उर्गम घाटी में लोगों की समस्याएं सुनीं। इसके बाद वो बीजेपी के जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट और चमोली जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह बिष्ट के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचे। यहां धाम में मंत्री जी ने बीजेपी नेताओं संग फोटो खिंचवाई। ये फोटो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो बवाल मच गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी के मंत्री खुद कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं। धाम पहुंचे कुछ बीजेपी नेताओं ने मास्क भी नहीं पहने थे, यह घोर लापरवाही है। वहीं तीर्थ पुरोहित आशुतोष का कहना है कि शासन-प्रशासन ने उन्हें धाम जाने की अनुमति नहीं दी। हमें पांडुकेश्वर से वापस भेज दिया गया। ऐसे में बीजेपी नेताओं को धाम जाने की अनुमति कैसे दे दी गई। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता खुद गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं, लेकिन इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है।