image: Strict ban on Uttarakhand Containment Zone

उत्तराखंड: 1 जून से कर्फ्यू में मिल सकती है थोड़ी राहत..लेकिन 387 इलाकों में रहेगी सख्त पाबंदी

1 जून से कोविड कर्फ्यू में आंशिक रूप से दी जा सकती है ढील। मगर राज्य के 12 जिलों में बनाए गए 387 कंटेन्मेंट जोन में रियायत का प्रभाव नहीं पड़ेगा
May 30 2021 3:36PM, Writer:Komal Negi

कोरोना की दूसरी लहर के दस्तक देने के बाद राज्य में पाबंदियां लग रखी हैं। कोविड कर्फ्यू में दुकान और बाजार अबतक सप्ताह में केवल 1 दिन खुले रहते हैं और बाकी दिन बंद रहते हैं । किराने और परचून की दुकानें भी कुछ ही घंटों के लिए खोली जाती हैं। ऐसे में व्यापारियों को भारी आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारी मंडल ने हाल ही में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से कर्फ्यू में दुकानों और बाजारों को खोलने में ढील मांगी थी। जिसके बाद आखिरकार राज्य सरकार ने उत्तराखंड में बाजारों और दुकानों को खोले रखने की पाबंदी में थोड़ी ढील देने के संकेत दिए हैं। ऐसे में यह खबर उत्तराखंड के व्यापारियों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल कोरोना के केस में गिरावट देखने के बाद अब अधिकांश राज्यों में ढील दी जा रही है। उत्तराखंड में भी 1 जून से कोविड कर्फ्यू में आंशिक ढील देने की संभावनाएं हैं। कोविड कर्फ्यू में अब तक सप्ताह में 1 दिन दुकानें खुलती थीं जिसको 1 दिन से अधिक खोले जाने का निर्णय सरकार जल्द ले सकती है। 1 जून से दुकानों और बाजारों के खुलने का समय बढ़ सकता है। कल यानी 31 मई को प्रदेश सरकार कोविड कर्फ्यू को आगे बढ़ाने का निर्णय लेगी। सरकारी सूत्रों ने यह संकेत दिए हैं कि 1 जून से कोविड कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील दी जा सकती है मगर यह याद रखें कि यह छूट केवल कंटेनमेंट जोन से बाहर दी जाएगी। जी हां, राज्य में जितने भी क्षेत्र सील किए गए हैं उनके अंदर यह छूट नहीं दी जाएगी और वहां पर पाबंदी जारी रहेगी

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राज्य सरकार 1 जून से परचून की दुकानों को खोलने के समय को बढ़ाने और सप्ताह में एक से अधिक दिन बाजार और सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दे सकती है। बता दें कि दुकानों को खोलने के संबंध में व्यापारी वर्ग ने हाल ही में सरकार पर लगातार दबाव बनाया। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने भी कर्फ्यू में रियायत दिए जाने की मांग की है जिसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कल राज्य सरकार व्यापारियों के हित में फैसला सुना सकती है और कर्फ्यू में ढील दी जा सकती है। मगर कंटेनमेंट जोन के अंदर छूट नहीं दी जाएगी और वहां पर सख्ती बरकरार रहेगी। आपको बता दें कि राज्य के 13 में से 12 जिलों के अंदर कुल 387 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। अगर सरकार कोविड कर्फ्यू में ढील देती है तो भी उस ढील का इन सील क्षेत्रों में असर नहीं पड़ेगा और यहां पर पाबंदी बरकरार रहेगी

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सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन देहरादून में हैं। देहरादून में कुल 70 क्षेत्र सील हो रखे हैं। उत्तरकाशी में 62 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। वहीं टिहरी में 55, यूएसनगर में 45, हरिद्वार में 29, चंपावत में 29, पिथौरागढ़ में 10, पौड़ी गढ़वाल में 17, चंपावत में 19, रुद्रप्रयाग में 25, अल्मोड़ा में 18 और नैनीताल में 8 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। सरकार द्वारा कर्फ्यू में ढील दिए जाने के बावजूद भी इन 387 क्षेत्रों में पाबंदी जारी रहेगी। उत्तराखंड के शासक के प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि प्रदेश में कोविड कर्फ्यू को लेकर सरकार सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद निर्णय लेगी। उनका कहना है कि कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील दिए जाने की कई दिनों से मांग उठ रही है और व्यापारी वर्ग लगातार सरकार से अनुरोध कर रहा है। उन्होंने कहा है कि सरकार इन सभी बातों को ध्यान में रखकर निर्णय लेगी। तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि प्रदेश सरकार के स्तर पर एक विशेषज्ञों की कमेटी बनी है और यह कमेटी कोविड कर्फ्यू के संबंध में निर्णय लेती है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा जनता और सभी व्यापारियों के हित में और सोच समझकर निर्णय लिया जाएगा।


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