पहाड़ का कुतग्यलि Boy..दीपक चमोली के बारे में कुछ खास बातें जानिए
कुतग्यलि जैसे हिट song से ही उनका नाम कुतग्यलि boy पड़ा । दीपक उत्तराखंड संस्कृति के प्रचार और प्रसार के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
Jun 4 2021 2:24PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
दीपक चमोली का जन्म 21 जून 1989 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता श्री जगदीश प्रसाद चमोली जी PWD में सीनियर प्रशानिक अधिकारी और माता श्रीमती मनोरमा चमोली शांत स्वभाव की महिला हैं।। साथ ही उनके बड़े भाई विपिन चमोली, धर्मपत्नी श्रीमती विनीता चमोली और बेटा दिवित सभी साथ मे रहते हैं और सामाजिक कर्यो में अग्रसर रहते हैं। दीपक चमोली जन्म के कुछ वर्ष पश्चात अपने परिवार के साथ श्रीनगर गढ़वाल में रहने लगे, उन्हें बचपन से ही गायन को शौक था। जब दीपक चौथी कक्षा में थे तब से उन्होंने गायन प्रारम्भ कर दिया था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर श्रीनगर गढ़वाल से की। 9वी कक्षा में दीपक ने श्री शशि मोहन उनियाल जी से हारमोनियम की शिक्षा ली। 2005 में दीपक ने मैट्रिक की परीक्षा और 2007 में इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। 2010 में दीपक ने हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्व विद्यालय से Bsc किया। दीपक विश्व विद्यालय की एकल गायन प्रतियोगिता में हमेशा ही प्रथम आए हैं। और उसी समय दीपक ने पढ़ाई के साथ साथ श्रीनगर गढ़वाल में ही श्री वीर लाल जी से रागों की शिक्षा लेनी प्रारम्भ की और प्रथम श्रेणी के साथ गायन में 6 साल का( संगीत प्रभाकर किया ) जो कि 2014 में पूर्ण हुआ। बीएससी करने के बाद दीपक ऋषिकेश आ गए और आपने 2012 में ओमकरानंद इंस्टीट्यूट से प्रथम श्रेणी में HR सब्जेक्ट के साथ MBA किया।
दीपक ने 2011 में उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित एकल गायन प्रतियोगिता और कव्वाली गायन में प्रथम स्थान प्राप्त किया और 5 बार उत्तर भारत यूथ फेस्टिवल कॉम्पिटिशन के लिए सलेक्ट हुए। दीपक ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी हरियाणा और लवली प्रोफेसनल यूनिवर्सिटी फगवाड़ा पंजाब में यूथ फेस्टिवल में एकल गायन प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। 2018 में दीपक श्रीनगर का सितारा गायन प्रतियोगिता के जज भी रहे। वर्तमान में आपका निवास स्थान गीतानगर ऋषिकेश में है। दीपक लगभग पिछले 21 साल से गायन कर रहे हैं । दीपक की बहुत सारे वाद्य यंत्रो पर अच्छी पकड़ है जैसे हारमोनियम , तबला ,ढोलक ,ऑर्गन आदि इस तरह के 10 से ज्यादा इंस्ट्रूमेंट्स दीपक प्ले करते हैं। दीपक पिछले 3 साल से लगातार अपने यूट्यूब चैनल Deepak Chamoli Official में गढ़वाली गीतो को अपने ही अंदाज में शास्त्रीय संगीत की खुशबू के साथ अपलोड कर रहे हैं, जिन्हें समूचे उत्तराखंड का प्यार मिल रहा है। दीपक के वीडिओज़ में पाया गया कि उन्होंने किसी भी टेक्नोलॉजी का सहारा न लेते हुए फोन के फ्रंट कैमरे से ही हरमनोनिम और ढोलक में ही वीडिओज़ बनाए हैं। वर्तमान में आपके यूट्यूब चैनल में 200 से ज्यादा वीडिओज़, 1 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और 2 करोड़ से ज्यादा चैनल के व्यूज हैं। दीपक का ऋषिकेश में खुद का ही कुतग्यलि Innovations नाम से म्यूजिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो है, जहां से समय समय पर अच्छे अच्छे गीत सुनने के लिए मिलते हैं। तेरी खुट्यू मा लगिन कुतग्यलि जैसे हिट song से ही उनका नाम कुतग्यलि boy पड़ा । दीपक उत्तराखंड संस्कृति के प्रचार और प्रसार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। आपने तेरी खुट्यू मा, हे मेरी स्वाणी, निर्भगि कोरोना, मधुली , डौंरी घुरा घुर जैसे कई सारे हिट गीत दिए हैं और कुछ ही दिनो बाद उनका निर्भगि कोरोना 2 गीत आने वाला है।
उद्देश्य
उत्तराखंडी संगीत को भी उन ऊंचाइयों तक पहुँचाना। जहाँ पूरे संसार मे उत्तराखंडी संगीत को सुना जा सके और यहां की संवृद्ध परम्परा को सभी लोग जान सके।
युवाओ के लिए सन्देश
हारना, डरना और थकना मना है
जिंदगी में कभी शॉर्टकट न अपनाएं, अपने लक्ष्य को निर्धारित करे और निरन्तर मेहनत करते रहे। मेहनत के सिवा दूसरा कोई विकल्प नही है। सफलता अवश्य मिलेगी।