image: Harish Rawat got the responsibility of publicity

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने खत्म किया सस्पेंस, हरदा के हाथ ‘मास्टर प्लान’

पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात मुंह फुलाए हुए हैं, तो वहीं विधायक हरीश धामी ने पार्टी छोड़ने की धमकी तक दे डाली।
Jul 24 2021 3:23PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड में साल 2022 में होने वाले चुनावी रण में प्रचार की जिम्मेदारी पूर्व सीएम हरीश रावत संभालेंगे। कांग्रेस नेतृत्व ने आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख अपनी सेना का ऐलान कर दिया है। दिग्गज नेता हरीश रावत को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदा हुए हैवीवेट प्रीतम सिंह नेता विधायक दल बनाए गए है। गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है। इस तरह प्रदेश की सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस ने किसी एक खेमे को तरजीह देने के बजाय सबको साथ लेने और खुश करने की कोशिश की है। चुनाव प्रचार की कमान पूर्व सीएम हरीश रावत को जरूर दी गई है, लेकिन चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। हरीश रावत के विरोधी समझे जाने वाले दूसरे खेमे के नेताओं को भी अहम जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी ने अपनी मंशा साफ कर दी है। कार्यकारिणी का ऐलान करते वक्त पार्टी ने खेमों के साथ ही क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधने के लिए एक प्रदेश अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फॉर्मूला लागू किया। यही फॉर्मूला पंजाब में भी अपनाया गया था। आगे पढ़िए

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कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में हरीश रावत के कद को ध्यान में रखकर सांगठनिक और अन्य बदलाव में उनकी राय को तरजीह तो दी, लेकिन उनके विरोधी नेताओं को भी अहम जिम्मेदारी जिम्मेदारी देकर चुनाव के लिए पार्टी की रीति और नीति साफ कर दी। कांग्रेस ने एक अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष, नेता विधायक दल और कोषाध्यक्ष के साथ चुनाव अभियान समिति समेत 10 समितियां गठित कर सभी खेमों को एडजस्ट करने की रणनीति अपनाई। लंबी मशक्कत के बाद कांग्रेस आलाकमान ने गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष और नेता विधायक दल समेत महत्वपूर्ण पदों पर वरिष्ठ नेताओं की ताजपोशी की। ये बात और है कि कांग्रेस के प्रदेश संगठन में नए फेरबदल और नई समितियों के गठन के बाद असंतोष के सुर भी सुनाई देने लगे हैं। धारचूला विधायक हरीश धामी ने कुछ नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दी है, तो वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात भी मुंह फुलाए हुए हैं। उन्होंने घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है।


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