image: story of Kulwanti Rawat nurse of Uttarkashi

पहाड़ में ऐसी नर्स भी हैं..लोगों को वैक्सीन लगाने दुर्गम रास्ते चढ़ रही कुलवंती रावत, गर्भ में है शिशु

उत्तरकाशी के मोरी में तैनात 4 माह की गर्भवती नर्स कुलवंती रावत लोगों की वैक्सिनेशन के लिए पैदल नाप रही हैं ऊबड़खाबड़ रास्ते, दुर्गम रास्ते भी नहीं कमजोर कर पाए जज्बा।
Aug 14 2021 12:46PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

कोरोना का खतरा अभी तक टला नहीं है। कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान ने जोर पकड़ रखा है। हमारे स्वास्थ्यकर्मी बुरे से बुरे हालातों में भी टीकाकरण अभियान चला रहे हैं और जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ रहे हैं। उत्तरकाशी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी में तैनात एग्जिलरी नर्स मिडवाइफरी कुलवंती रावत भी टीकाकरण अभियान में अहम भूमिका निभा रही हैं। 4 माह की गर्भवती होने के बावजूद भी उनका हौसला कम नहीं हुआ। टीकाकरण के लिए वे गर्भ में बच्चा लिए पहाड़ों के दुर्गम रास्ते नाप रही हैं और लोगों के सामने जीती-जागती मिसाल पेश कर रही हैं। हाल ही में कुलवंती को चमोली जिले के सरास समेत अन्य गांवों में लोगों की वैक्सिनेशन के लिए जाना था। रास्ता बेहद दुर्गम था और पक्की सड़क न होने के कारण गांवों तक वाहन जाने की सुविधा नहीं थी। उसके बावजूद भी गर्भवती कुलवंती रावत का हौसला डगमगाया नहीं। सबसे पहले तो कुलवंती कुछ किलोमीटर तक स्वास्थ्य टीम के साथ जेसीबी में बैठ कर गई और उसके बाद ऊबड़खाबड़ रास्तों में 4 किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचीं जहां पर उन्होंने लोगों का वैक्सीनेशन किया। उनके जज्बे को देखकर स्वास्थ्य केंद्र के लोगों ने उनको खूब सराहा। आगे पढ़िए

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बता दें कि हाल ही में कुलवंती रावत स्वास्थ्य टीम सोनम रावत और बलबीर चौहान के साथ टीकाकरण करने मोरी के सुदूरवर्ती गांव सर सरास, बामसू, ओडाता और तली गांव में गईं। यह गांव मोरी ब्लॉक मुख्यालय से तकरीबन 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं। कुलवंती रावत 4 माह की गर्भवती हैं मगर इसके बावजूद भी पहाड़ों का दुर्गम रास्ता उनके जज्बे को हिला न सका और उन्होंने जोखिम भरे रास्तों पर पैदल जाने का निर्णय लिया। पहले उन्होंने अपनी टीम के साथ जेसीबी में बैठकर कच्ची सड़क पार की। उसके बाद वे उबड़खाबड़ रास्तों पर पैदल चलकर गांव तक पहुंचीं और उन्होंने सड़क निर्माण में लगे सभी श्रमिकों का मौके पर टीकाकरण किया और उसके बाद स्वास्थ्य टीम के साथ पैदल ही अंतिम गांव के टीकाकरण के लिए गईं। पूरी टीम ने 1 दिन में 270 ग्रामीणों का टीकाकरण किया। डॉक्टर नितेश रावत ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों और खास करके कुलवंती रावत को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि मोरी ब्लॉक में सड़कें बदहाल हैं और आवाजाही में काफी समस्या हो रही है मगर स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला बरकरार है और उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है। ऐसे ही कर्मठ कर्मियों के चलते उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में बसे गांवों में में भी जोरों-शोरों से टीकाकरण अभियान का कार्य चल रहा है। उनका कहना है कि कोविड-19 का इलाज बेहद जरूरी है और स्वास्थ्य कर्मी यह बात अच्छी तरह से जानते हैं और यही कारण है कि टीकाकरण अभियान में सभी स्वास्थ्य कर्मी एकजुट होकर आगे आ रहे हैं और कोरोना से लड़ने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं


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