image: 80 Cadets from Afghanistan at IMA Dehradun

देहरादून IMA से ट्रेनिंग ले रहे हैं अफगानिस्तान के 80 कैडेट, अधर में लटका भविष्य

अफगानिस्तान के 80 कैडेट्स ले रहे हैं देहरादून में प्रशिक्षण, तालिबान के क्रूर व्यवहार से भर आईं सभी की आंखें, परिवार की सता रही है चिंता-
Aug 18 2021 8:00PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

अफगानिस्तान में जिस प्रकार के दयनीय हालत वर्तमान में पैदा हो रखे हैं वे किसी से भी छिप नहीं पाए हैं। लगभग पूरे अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के लोग साक्षात नर्क भोगने पर मजबूर हैं। इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि अफगानिस्तान के ऊपर कितना बड़ा संकट आन पड़ा है। वहीं उत्तराखंड के देहरादून में स्थित आईएमए में प्रशिक्षण ले रहे तकरीबन 80 अफगानी कैडेट्स भी इन दिनों चिंता में आ रखे हैं। अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष की खबरों के बीच देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे 80 अफगानी सैन्य कैडेट अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ये कैडेट यहां से प्रशिक्षण लेकर अफगान नेशनल आर्मी में अधिकारी बनने वाले थे। अब इन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता है कि ये तालिबान के सैनिक बनेंगे या अफगान सेना के ? उनको अपने परिवार की चिंता सताई जा रही है। जी हां, देहरादून के आई एम ए में वर्तमान में तकरीबन 80 अफगानी कैडेट्स प्रशिक्षण ले रहे हैं और तालिबान की क्रूरता को देखते हुए और तालिबान का अफगानी सेना के प्रति बरताव देखते हुए दून में मौजूद सभी 80 अफगानी कैडेट्स कअपने परिवार को लेकर बेहद चिंतित हैं रखे हैं। लगभग सभी कैडेट्स उम्मीद हार चुके हैं।

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जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय सैन्य अकादमी में अन्य पड़ोसी देशों के कैडेट्स भी प्रशिक्षण लेते हैं। देहरादून की सैन्य अकैडमी में अब तक 30 मित्र देशों के तकरीबन ढाई हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है और इनमें बड़ी संख्या में अफगानिस्तान के युवा भी शामिल रहे हैं। वर्तमान में देहरादून में 80 अफगानी कैडेट्स प्रशिक्षण ले रहे हैं। अफगानिस्तान को प्रगतिशील राष्ट्र बनाने के लिए और वहां की सेना को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अफगानी युवाओं को भारत में सैन्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में तकरीबन हर 6 महीने में औसतन 40 अफगानिस्तान कैडेट अकादमी के पास आउट हुए हैं। वर्तमान में अकादमी में अफगानिस्तान के 40 कैडेट्स मौजूद हैं और उनको अपने भविष्य की चिंता के साथ ही अपने परिवार की चिंता भी सताई जा रही है।

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सुरक्षाबलों के प्रति तालिबान के रवैये को देखते हुए और वहां की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सभी अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं। वहां लोगों के साथ जिस प्रकार का बर्ताव किया जा रहा है और लोग जिस परिस्थिति में रहने पर मजबूर हैं उसको देखते हुए चिंता करना स्वाभाविक है। आईएमए के अधिकारियों का कहना है कि सभी अफगानी कैडेट्स का हौसला बढ़ाया जा रहा है और जहां तक मुमकिन होगा वहां तक अकादमी सभी की मदद करेगी। आईएमए की जनसंपर्क अधिकारी कर्नल हिमानी पंत के अनुसार अफगानी के कैडेट्स को पहले की तरह ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फिलहाल भारत सरकार और सेना मुख्यालय की ओर से निर्देश नहीं आए हैं और अकादमी उनके निर्देशों का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा है कि हालिया स्थिति में अफगानी कैडेट्स का चिंतित होना स्वाभाविक है और उन्होंने यह भी कहा है कि अकादमी के प्रशिक्षक एवं सभी फैकल्टी हर मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़ी है। अकादमी में मौजूद लोग उनका हौसला बढ़ा रहे हैं और उनको हिम्मत दे रहे हैं।


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