मुनस्यारी के लाल शहीद गोकर्ण को सलाम, असीम पराक्रम के मिला मरणोपरांत सेना मेडल
अदम्य साहस, पराक्रम और शौर्य का परिचय देते हुए अपने प्राण देश की रक्षा के लिए न्यौछावर करने वाले हवलदार गोकर्ण सिंह को अब मरणोपरांत सेना मेडल सम्मानित किया जाएगा
Aug 19 2021 3:30PM, Writer:साक्षी बड़थ्वाल
शहादत कभी बेकार नहीं जाती। शहीद एक ऐसा शब्द है, जिसे आने वाले कई सालों और कई पी़ढ़ियों तक याद रखा जाता है। उत्तराखंड वीरों की भूमि है। इस भूमि ने ना जाने देश को कितने ऐसे शेर दिए, जो हंसी खुशी मातृभूमि की बलिवेदी पर चढ़ गए। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी ब्लॉक में छोटा सा गांव है नापड़ ...इस गांव का लाल पिछले साल देश के लिए कुर्बान हो गया था। आज इस गांव का हर शख्स गर्व करेगा क्योंकि उनके सपूत को सेना मेडल से नवाजा जाएगा। अदम्य साहस, पराक्रम और शौर्य का परिचय देते हुए अपने प्राण देश की रक्षा के लिए न्यौछावर करने वाले हवलदार गोकर्ण सिंह को अब मरणोपरांत सेना मेडल सम्मानित किया जाएगा. भारतीय सेना ने 15 अगस्त को सेना मेडल देने की घोषणा की थी. राष्ट्रपति की ओर से उनके पत्नी गीता देवी को यह मेडल दिया जाएगा.
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बता दें की बीते साल 1 मई 2020 को उत्तरी कश्मीर के बारामुला में पाकिस्तानी गोलाबारी में कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार गोकर्ण सिंह शहीद हो गए थे, जबकि इनके साथ गश्त कर रहे दो अन्य सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान गोकरन सिंह ने अदम्य साहस, पराक्रम और शौर्य का परिचय देते हुए आतंकवादियों से लड़ाई की और अपने प्राण देश की रक्षा के लिए न्यौछावर कर दिएवे 21 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे. जबकि, वो दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले थे. परंतु इससे पूर्व ही वह देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। वर्तमान में शहीद गोकर्ण सिंह की पत्नी गीता चौहान चुफाल अपने दोनों बच्चों 16 वर्षीय मनीष और 14 वर्षीय चांदनी को बरेली के सेंट्रल स्कूल में शिक्षा ग्रहण करा रहीं हैं। वहीं अदम्य साहस, पराक्रम और शौर्य का परिचय देते हुए अपने प्राण देश की रक्षा के लिए न्यौछावर करने वाले हवलदार गोकर्ण सिंह को अब मरणोपरांत सेना मेडल सम्मानित किया जाएगा.