उत्तराखंड के नाम अनोखा रिकॉर्ड, रोपवे से जुड़ेंगी 7 मशहूर जगहें..शुरू हुआ काम
उत्तराखंड के नाम दर्ज हुआ अनोखा रिकॉर्ड, उत्तराखंड के 7 मशहूर पर्यटक स्थलों पर होगा रोपवे निर्माण, देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड
Sep 15 2021 5:10PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड से एक सुखद खबर सामने आ रही। प्रदेश के निवासियों के लिए सरकार एक अनोखी सौगात लेकर आ रही है। पर्यटन के लिहाज से इसको एक बड़ी कामयाबी कहा जा सकता है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां कुल 7 रोपवे निर्माण के लिए एमओयू हुआ है। इसी के साथ उत्तराखंड के नाम यह अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हुआ है। उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों पर कुल सात रोपवे निर्माण करने के लिए पर्यटन विभाग और सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के बीच में एमओयू स्थापित हुआ है। रोपवे पर्यटन के लिहाज से कितना महत्वपूर्ण है यह बताने की जरूरत नहीं है। अब आप खुद ही देख लीजिए.. उत्तराखंड कई पर्यटकों की पसंद रहा है। ऐसे में उनको पहाड़ों पर घंटों यात्राएं करना और पैदल चलना पड़ता है। उनको सुविधा देने के लिए और पर्यटन बढ़ाने के लिए रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा हर साल राज्य में लाखों की संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचते हैं, उन्हें भी अपनी यात्रा पूरी करने के लिए कई मील का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। ऐसे में रोपवे का संचालन होने से उनको भी राहत मिलेगी। उत्तराखंड में 7 जगह रोपवे का डीपीआर तैयार होते ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
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रोपवे का निर्माण 7 मशहूर पर्यटक स्थलों पर किया जाएगा। जिन जगहों पर रोपवे का निर्माण किया जाना निर्धारित किया गया है वे जगहें हैं- केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे, हेमकुंड साहिब रोपवे, पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप और ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव। इन जगहों के लिए डीपीआर तैयार की जाएगा और उसके बाद रोपवे का निर्माण किया जाएगा। मुख्य सचिव उत्तराखंड डॉ.एसएस संधू की मौजूदगी में उत्तराखंड पर्यटन की ओर से अपर सचिव पर्यटन युगल किशोर पंत, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एनएचएलएमएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एनएचएलएमएल के चेयरमैन मनोज कुमार, पर्यटन विकास परिषद के वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत मौजूद रहे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि उत्तराखंड में रोपवे का निर्माण होने से न केवल पर्यटकों को आवाजाही में आसानी होगी बल्कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह सच है कि रोपवे से कई बुजुर्गों को राहत मिलेगी। हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं एवं बच्चे धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने आते हैं। ऐसे में पहाड़ों पर चढ़ाई करना बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है।रोपवे का निर्माण होने के बाद बिना किसी दिक्कत के लोग पहाड़ों पर यात्रा कर पाएंगे। इसी के अलावा रोपवे का संचालन पहाड़ों पर लगे ट्रैफिक जाम से भी छुटकारा दिलवाएगा। सड़कों पर गाड़ियां कम चलेंगी जिससे लोगों का समय बचेगा और प्रदूषण भी नियंत्रण में रहेगा।