गढ़वाल का दशरथ मांझी: जिसने अकेले काटा 2Km पहाड़, गांव तक पहुंचाई सड़क
जो काम जनप्रतिनिधियों ने सालों से नहीं किया वो उत्तरकाशी के माउंटेन मैन ने कर दिखाया, डेढ़ महीने में खुद के दम पर गांव तक पहुंचाई सड़क-
Sep 21 2021 9:32PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
दशरथ मांझी का नाम आखिर किसने नहीं सुना... दशरथ माँझी जिन्हें "माउंटेन मैन"के रूप में भी जाना जाता है बिहार में गया के करीब गहलौर गाँव के एक गरीब मजदूर थे।केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। आज हम आपका उत्तराखंड के दशरथ मांझी से कराने जा रहे हैं जिन्होंने अपने गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए अकेले ही पहाड़ काट डाला और लोगों की सड़क की समस्या को अकेले हल कर दिया है। इसमें उन्हें डेढ़ माह का समय लगा। जिस तरह बिहार के दशरथ मांझी अपने गांव गहलौर तक सड़क पहुंचाने के लिए पहाड़ को काट डाला था। उत्तरकाशी के गबर सिंह ने भी यह कर दिखाया है। उन्होंने भी खुद के दम पर जेसीबी से दो किलोमीटर पहाड़ को काटकर अपने फुवाण गांव तक सड़क पहुंचा दी है। उन्होंने यह काम महज डेढ़ महीने में पूरा कर दिखाया है।
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गांव के लोगों का कहना है कि चुनाव खत्म होते ही नेता वादे भी भूल जाते हैं। गांव तक सड़क पहुंचाने की बात सब करते हैं मगर असलियत में यह सब बातें खोखली हैं। उत्तरकाशी के फुवाण गांव में भी राज्य बनने के 2 दशक के बाद भी सड़क नहीं बन सकी थी। लोगों को गांव तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी। विकासखंड के फुवाण गांव के तकरीबन 45 परिवार लंबे समय से गांव को सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे थे। मगर शासन प्रशासन ग्रामीणों की बात को अनसुना कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि किसी व्यक्ति के बीमार होने पर लोग उसे घोड़े खच्चर और डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाते थे। जनप्रतिनिधियों के छलावे से परेशान गांव के 38 वर्षीय युवा गबर सिंह रावत ने स्वयं ही अपने बलबूते पर गांव तक सड़क पहुंचाने का संकल्प लिया। गबर सिंह ने बगैर किसी की सहायता के अकेले के दम पर दो किलोमीटर पहाड़ काट डाला। उन्होंने यह कारनामा डेढ़ महीने में कर दिखाया। गांव में गुरुवार को सड़क के जरिए पहला वाहन पहुंचा तो ग्रामीण के चेहरे खिल उठे। उन्होंने गांव में समारोह आयोजित कर गबर सिंह को सम्मानित भी किया।