image: Dehradun paras physiotherapy center case

देहरादून के इस फिजियोथैरेपी सेंटर मत जाना, यहां से विकलांग बनकर लौटा मरीज!

देहरादून के एक डॉक्टर पर फिजियोथैरेपी के नाम पर मरीजों को विकलांग बनाने का आरोप लगा है। पीड़ित ने इस मामले में सीएमओ देहरादून और डीएम से शिकायत की है।
Sep 29 2021 6:59PM, Writer:Komal Negi

डॉक्टर को धरती पर भगवान का रूप माना जाता है। जब इंसान हर तरफ से निराश हो जाता है, जीने की आस टूटने लगती है, तो वो डॉक्टर ही होता है जो देवदूत बनकर मरीज का जीवन बचाता है, उसे नई जिंदगी देता है। लेकिन हमारे बीच कई डॉक्टर ऐसे भी हैं, जो अपने स्वार्थ की खातिर इस सम्मानजनक पेशे की छवि पर दाग लगा रहे हैं। देहरादून से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर पर फिजियोथैरेपी के नाम पर मरीजों को विकलांग बनाने का आरोप लगा है। पीड़ित ने इस मामले में सीएमओ देहरादून और डीएम से शिकायत की है। पीड़ित का नाम भगवान सिंह कैंतुरा है। वो प्रमुख सचिव, न्याय एवं विधि के निजी स्टाफ में हैं। कुछ महीने पहले अप्रैल में भगवान सिंह की कमर में मामूली दर्द हुआ। डॉक्टर की राय पर वो ओल्ड नेहरू कॉलोनी स्थित पारस फिजियोथैरेपी सेंटर गए।

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वहां सेंटर के एमडी डॉ. अमन दामिर ने भगवान सिंह की पीठ का परीक्षण किया। और कहा कि मैं स्वीडन टेक्नोलॉजी के आधार पर आपका इलाज करूंगा। आप तीन दिन में ठीक हो जाएंगे। इसके बाद डॉ. दामिर ने उन्हें अपने स्पेशल बेड पर लेटा दिया और एक अन्य सहायक ने उनके पैर पकड़ लिए। डॉक्टर ने खुद जोर से उनकी कमर पर दबाव बनाया फिर पलंग पर लगे स्प्रिंग को दबाते हुए पलंग पर ऊपर उछाला। जिससे भगवान सिंह की रीढ़ की हड्डी से डिस्क बाहर खिसक गई और वो बेहोश हो गए। होश में आने पर डॉक्टर ने उन्हें घर छुड़वा दिया। इस घटना के बाद भगवान सिंह दो हफ्ते तक बिस्तर से नहीं उठ सके। उनका शरीर एक ओर झुक गया है। अब भगवान सिंह ने सीएमओ देहरादून और जिलाधिकारी को शिकायत देकर उक्त सेंटर को तुरंत बंद कराने की मांग की है, ताकि दूसरे लोगों को विकलांग होने से बचाया जा सके।


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