उत्तराखंड: त्रिशूल पर्वत पर सेना के 4 जवान शहीद, उत्तराखंड के अनंत कुकरेती भी चले गए
त्रिशूल चोटी आरोहण के लिए निकले नौसेना के दल के साथ हुए दुखद हादसे की खबर झकझोर देने वाली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया।
Oct 3 2021 1:19PM, Writer:Komal Negi
इंडियन नेवी के पर्वतारोहियों संग हुए हादसे से पूरा देश सदमे में हैं। उत्तराखंड की त्रिशूल चोटी को जीतने निकले नौसेना के लापता पर्वतारोहियों में से चार के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए हैं। ये लोग हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद गायब हो गए थे। तब से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। शनिवार देर शाम इनमें से चार का पता चल गया, लेकिन दुर्भाग्य से वो जीवित नहीं थे। एक पर्वतारोही और पोर्टर अब भी लापता है। उनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताया। त्रिशूल चोटी आरोहण के लिए निकले नौसेना के दल के साथ दुखद हादसे की खबर सचमुच झकझोर देने वाली है। शनिवार को जिन चार पर्वतारोहियों के शव बरामद हुए उनमें लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और हरिओम शामिल हैं। सितंबर के महीने मुंबई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल बागेश्वर में स्थित त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण करने के लिए निकला था।
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गुरुवार को छह हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप तीन से नौसेना के दस पर्वतारोही आगे बढ़ने लगे। शुक्रवार सुबह खबर मिली की पांच सदस्य और एक पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गए हैं। जिस पर बाकी सदस्य अभियान रोक कर कैंप में वापस लौट आए। इसके बाद से ही वायुसेना, थलसेना, एसडीआरएफ, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी थी। बता दें कि 7,120 मीटर की ऊंचाई पर स्थित त्रिशूल चोटी के लिए जोशीमठ और घाट से पर्वतारोहियों की टीमें जाती हैं। नौसेना की टीम भी घाट होते हुए गई थी। तीन चोटियों का समूह होने की वजह से इसे त्रिशूल कहा जाता है। राज्य समीक्षा टीम चार नौसेना पर्वतारोहियों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है, जिन्होंने त्रिशूल पर्वत पर अभियान के दौरान अपनी जान गंवाई।