गढ़वाल: जोशीमठ में हद हो गई, दर्द से बिलखती मां ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म
घटना को लेकर प्रसूता के परिजनों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि महिला और बच्चे की जान पर बन आई थी, लेकिन कई बार गुहार लगाने के बाद भी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। आगे जानिए पूरा मामला-
Oct 24 2021 4:34PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में हर पांच साल में सरकारें बदल रही हैं, लेकिन गांवों के हालत नहीं बदल रहे। गांवों में न सड़कें हैं न अस्पताल। हाल ये है कि 108 एंबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंचती। नतीजा, गर्भवती महिलाएं खेतों-सड़कों पर बच्चा जनने को मजबूर हैं। मामला चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड का है। जहां के लंगसी-तपोण गांव में रहने वाली महिला ने एंबुलेंस के अभाव में सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। प्रसूता मीना देवी 35 साल की हैं। उनका परिवार लंगसी-तपोण गांव में रहता है। मीना की डिलीवरी का वक्त करीब था। शुक्रवार रात को उनकी तबीयत खराब हो गई। पति दिनेश चंद्र हटवाल ने 108 एम्बुलेंस सेवा को फोन किया, एंबुलेंस के समय पर पहुंचने की उम्मीद कम ही थी। ऐसा ही हुआ भी। मीना की तबीयत बिगड़ती चली गई, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई।
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मजबूरी में परिजन मीना को अस्पताल पहुंचाने के लिए निकल पड़े। दर्द से तड़पती मीना चलती रही, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर महिला की डिलीवरी हो गई। उसने गुलाबकोटी के पास ही अपने बच्चे को जन्म दे दिया। खैर बाद में किसी तरह 108 की टीम मौके पर पहुंची और प्रसूता और नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जोशीमठ पहुंचाया गया। फिलहाल मां और बच्चे की स्थिति ठीक है। घटना को लेकर मरीज के परिजनों में आक्रोश है। उनका कहना है कि प्रसूता की स्थिति लगातार बिगड़ रही थी, कई बार गुहार लगाने के बाद भी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। जिस वजह से महिला को बच्चे को सड़क पर ही जन्म देना पड़ा।