देहरादून: पलटन बाजार समेत 10 इलाकों में नहीं बिकेंगे पटाखे, नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने पटाखे बेचने के लिए सख्त नियम बनाए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Oct 26 2021 2:45PM, Writer:Komal Negi
दिवाली की तैयारियों की बीच देहरादून प्रशासन ने दुकानों में पटाखे बेचने संबंधी गाइडलाइन जारी कर दी है। देहरादून में पटाखे 1 से पांच नवंबर तक ही बेचे जा सकेंगे। जिला प्रशासन ने पटाखे बेचने के लिए सख्त नियम बनाए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दुकान लगाने की शर्तों और इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। जारी लाइसेंस की शर्तों के विपरीत भीड़भाड़ भरे बाजारों या गली-कूचों में दुकानें खोलने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही दुकान का सारा सामान जब्त कर लिया जाएगा। बीते दिन डीएम डॉ. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और व्यापारियों को अहम बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि पटाखों की दुकान के लिए 30 अक्टूबर तक लाइसेंस जारी किए जाएंगे। कारोबारियों की सहूलियत के लिए प्रशासन सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए लाइसेंस जारी करेगा। लाइसेंस के लिए अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र होना जरूरी है।
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ऐसी दुकानों को ही लाइसेंस दिया जाएगा, जहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी आसानी से पहुंच सके। डीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि पटाखों की दुकानें तंग स्थानों पर न हों। विद्युत तारों के पास न हो और वहां किसी अन्य सामान का कारोबार न किया जाए। हर साल की तरह इस साल भी पलटन बाजार कोतवाली से घंटाघर तक, धामावाला बाजार-कोतवाली से आढ़तबाजार चौक तक, मोतीबाजार में पलटन बाजार से पुरानी सब्जीमंडी तक, हनुमान चौक -झंडा मोहल्ला, रामलीला बाजार-बैंड बाजार तक, आनंद चौक से लक्ष्मण चौक तक, डिस्पेंसरी रोड का सम्पूर्ण क्षेत्र, घंटाघर चकराता रोड से हनुमान मन्दिर तक, सर्वे चौक से डीएवी पीजी कॉलेज जाने वाली सड़क, करनपुर मुख्य बाजार के अलावा ऐसे स्थान जहां जगह बहुत कम हैं, वहां पटाखे की दुकानें नहीं लगाने दी जाएंगी। धनतेरस की रात दुकानें 12 बजे तक खुली रहेंगी। इसके अलावा सर्राफा व्यापारियों की मांग पर उन्हें पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई जाएगी। बैठक में एसएसपी जन्मेजय खंडूरी, एडीएम (वित्त एवं राजस्व) केके मिश्रा, एसपी सिटी सरिता डोभाल समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी और व्यापारी मौजूद रहे।