उत्तराखंड: छठ पूजा पर घर नहीं जा सके तो दो लोगों ने लगाई फांसी, परिवारों में मातम
दोनों युवक छठ पूजा पर अपने परिवार के साथ होना चाहते थे, लेकिन काम की मजबूरियों के चलते घर नहीं जा सके। पत्नी ने ताना मारा तो आहत युवकों ने जान दे दी। पढ़िए पूरी खबर
Nov 11 2021 12:17PM, Writer:Komal Negi
रोजी-रोटी के लिए कई बार अपनी खुशियों से समझौता करना पड़ता है। परिवार की खुशियां बनी रहें, इसके लिए अपना सुख त्यागना पड़ता है। हल्द्वानी के रहने वाले बिहार निवासी दो युवक भी यही कर रहे थे। यह दोनों छठ पूजा पर अपने परिवार के साथ होना चाहते थे, लेकिन काम की मजबूरियों के चलते घर नहीं जा सके। पत्नियों ने फोन किया तो दंपति के बीच बहस हो गई बस इतनी सी बात पर दोनों युवकों ने खुदकुशी कर ली। जवान बेटों की मौत के बाद छठ पूजा के मौके पर बिहार निवासी दो परिवारों में मातम छा गया। पहला मामला पदमपुर देवलिया का है। यहां बिहार के मोलतोला बेतिया निवासी बिट्टू कुमार (25) पुत्र लल्लन अपने परिवार व अन्य रिश्तेदारों के साथ रहता था। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी अपने दो बच्चों के साथ बिहार गई थी।
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बीते दिन उसने अपनी पत्नी से फोन पर बात भी की। पत्नी ने छठ पूजा पर गांव नहीं आने को लेकर नाराजगी जताई। इससे बिट्टू कुमार इतना आहत हुआ कि उसने जयपुर बीसा से सटे जंगल में एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली। दूसरा मामला बेरीपड़ाव गौला गेट का है। जहां खनन मजदूर भरत चौधरी पुत्र बन्नू चौधरी निवासी बेतिया बिहार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि छठ पूजा को लेकर उसका पत्नी से फोन पर विवाद हो गया था। जिसके बाद भरत ने ये खौफनाक कदम उठा लिया। बिहार के रहने वाले बिट्टू कुमार और भरत चौधरी रोजी-रोटी की तलाश में उत्तराखंड आए थे, लेकिन त्योहार पर घर नहीं जा सके। पत्नी ने ताना मारा तो आहत होकर दोनों ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बहरहाल पुलिस ने दोनों युवकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। मामले की जांच जारी है।