देवभूमि का अमृति: स्वाद ही नहीं सेहत का खजाना है गडेरी (पिनालू), कई गंभीर बीमारियों का इलाज
पहाड़ी सब्जी है गडेरी, जिसे (Gaderi Pinaloo Vegetable Health benefits Uttarakhand) अलग-अलग जगहों पर अलग नाम से जाना जाता है.
Nov 17 2021 6:09PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
पहाड़ की संस्कृति...यहां के खान-पान की बात ही अलग है. यहां के अनाज तो गुणों का खान हैं ही, सब्जियां भी पौष्टिक तत्वों से भरपूर है. ऐसी ही खास पहाड़ी सब्जी है गडेरी (Gaderi Pinaloo Vegetable Health benefits Uttarakhand) जिसे अलग-अलग जगहों पर अलग नाम से जाना जाता है. कुछ लोग इसे अरबी कहते हैं कई जगह ये पिनालू के नाम से जानी जाती है. भांग के दानों व सरसों आदि के साथ मिलाकर बनने वाली गडेरी की तासीर गर्म होती है. जिससे ठंड का मौसम आते ही गडेरी की सब्जी की खरीद बढ़ गई है. 25 से 30 रुपये किलो कीमत होने के चलते भी आजकल इसकी डिमांड बाजार में काफी ज्यादा है. अगर आप ठेठ पहाड़ी हैं तो गडेरी (अरबी) की सब्जी आपने जरूर खाई होगी. ये पहाड़ी सब्जी गुणों की खान हैं, अगर हम आपको इसके गुणों के बारे में बताना शुरू करेंगे तो आप भी इस पहाड़ी सब्जी के मुरीद हो जाएंगे. एक शोध में पता चला है कि इसमें न केवल पर्याप्त मात्रा में आयरन मौजूद है, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट और खून को साफ करने वाले तत्व भी हैं. आप जानते ही होंगे कि आयरन तत्व न होने से एनीमिया, सिरदर्द या चक्कर आना, हीमोग्लोबिन बनने में परेशानी होना जैसी परेशानियां शरीर को पस्त कर देती हैं. इसके अलावा एंटीऑक्सिडेंट अक्सर अच्छे स्वास्थ्य और बीमारियों को रोकने का काम करते है. कैंसर से बचाने, आंखों की रोशनी के लिए, मजबूत लिवर के लिए एंटी ऑक्सीडेंट शानदार चीज है. साथ ही इसमें मौजूद फाइबर्स मेटाबालिज्म को सक्रिय बनाते हैं जिससे वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है. पाचन क्रिया को बेहतर रखने के लिए भी यह लाभदायक है.
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कहां कहां होता है उत्पादन
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पिनालू बरसात के तुरंत बाद खाने के लिए तैयार होता है और बसंत की शुरुआत तक आसानी से उपलब्ध होता है. गडेरी की सब्जी पहाड़ में जाड़ों भर खाई जाती है. गडेरी की सब्जी का उत्पादन पहाड़ के लगभग सभी जिलों में किया जा रहा है. जिसमें चंपावत और टिहरी में इसका उत्पादन सबसे ज्यादा हो रहा है. इसके अतिरिक्त बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल आदि जिलों में भी किसान व बागवान गडेरी को उगा रहे हैं. मंडी में रोजाना करीब 7 से 8 कुंतल गडेरी सब्जी पहुंच रही है, डिमांड अधिक होने के चलते हाथों-हाथ बिक्री होती है.
ऐसे तैयार होती है सब्जी
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वर्तमान में गडेरी उत्पादन में जंगली जानवर एक बड़ी समस्या बन कर उभरे हैं. जमीन के नीचे होने के बाद भी जंगली सुअर इसे नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिस कारण गडेरी (Gaderi Pinaloo Vegetable Health benefits Uttarakhand) की फसल भी धीरे-धीरे सिमटने लगी है. पहाड़ों में मिलने वाली इस सब्जी के गुणों पर शोध कार्य किए जा रहे हैं. शहरों में भी इसकी पैदावार होने लगी है. ये गुणों की खान तो है ही साथ ही इसकी सब्जी बेहद स्वादिष्ट होती है गडेरी गहत की दाल में भी डाली जाती है. गडेरी की सब्जी में भांग के दानों के बीज को पीस कर और छान कर डाला जाता है, जिससे सब्जी की तासीर गर्म हो जाती है.