उत्तराखंड: सलाखों के पीछे ‘स्मगलिंग’, दो कैदियों ने जेल में रहकर बाहर फैलाया नशे का नेटवर्क
जेल (Almora Jail Drugs Supply) में कैदियों तक मोबाइल, नगदी और अन्य प्रतिबंधित सामान किसने पहुंचाया, इसकी भी जांच की जा रही है।
Nov 26 2021 2:35PM, Writer:Komal Negi
अल्मोड़ा जेल प्रशासन (Almora Jail Drugs Supply) एक बार फिर सवालों के घेरे में है। यहां जेल में बंद दो कैदी बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार चला रहे थे, लेकिन जेल प्रशासन को इसकी कानोंकान खबर तक न हुई। स्पेशल टास्क फोर्स ने जेल में चल रहे नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। छापेमारी के दौरान जेल से मोबाइल फोन, सिम और नकदी भी बरामद हुई। जेल में कैदियों तक मोबाइल, नगदी और अन्य प्रतिबंधित सामान किसने पहुंचाया, इसकी भी जांच की जा रही है। इस बार जो दो लोग जेल में नशे का कारोबार करते पकड़े गए हैं, उनमें हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा महिपाल भी शामिल है। जो अपने साथी अंकित बिष्ट के साथ मिलकर प्रदेश में नशे का कारोबार चला रहा था। प्रदेश में अलग-अलग हिस्सों से 5 तस्करों को भी पकड़ा गया है, जिनके कब्जे से भारी मात्रा में चरस, गांजा और शराब आदि बरामद किये गए। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - पौड़ी गढ़वाल स्वास्थ्य विभाग पर UP के शातिर ने लगाया लाखों का चूना, अब हुआ गिरफ्तार
Almora Jail Drugs Supply- ऐसे हुआ खुलासा
1
/
एसपी एसटीएफ चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि महिपाल सिंह और अंकित बिष्ट के खिलाफ जेल के भीतर से नशे का कारोबार करने की सूचना मिली थी। सूचना मिलने पर एसटीएफ की टीम ने जेल में दबिश दी तो जेल में बंद महिपाल और अंकित के पास से एक मोबाइल, एक सिम और तीन ईयरफोन सहित 24 हजार रुपए नकद बरामद हुए। दोनों आरोपी जेल से ही अपने बाहर के साथियों के साथ मोबाइल से संपर्क रखकर मादक पर्दाथों का नेटवर्क चला रहे थे। एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि नशा तस्करी के लिए रुपये ऑनलाइन लिये जाते थे। इसके साथ ही एसटीएफ की टीम ने अल्मोड़ा, कोटद्वार, बडोवाला, ऋषिकेश, बरेली, शाहजहांपुर सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करते हुए लाखों का ड्रग्स भी बरामद किया है।
5 लोग गिरफ्तार
2
/
मामले में बाहर से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जो कि यूपी से नशीले पदार्थ लाकर उत्तराखंड में सप्लाई करते थे। जेल में बंद महिपाल हत्या के प्रयास में सजा काट रहा है। जबकि अंकित एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में सजा भुगत रहा है। एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि जेल के अंदर चल रहे नशे के धंधे को लेकर जेल के अधिकारियों की भी जांच की जाएगी। बता दें कि इससे पहले पौड़ी जेल से गैंग चलाने का मामला भी सामने आ चुका है। यहां पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि जेल से अपना नेटवर्क चला रहा था। कड़ी सुरक्षा के बाद भी जेल में कैदियों से मोबाइल और नगदी मिल रहे हैं, जिससे जेल अधिकारियों (Almora Jail Drugs Supply) की भूमिका सवालों के घेरे में है।