उत्तराखंड: वोटिंग के दिन 1000 से ज्यादा बूथों पर हो सकती है बर्फबारी, पोलिंग पार्टियां तैयार
शुक्रवार को 35 पोलिंग पार्टियों को मतदेय स्थलों के लिए रवाना किया गया..शनिवार को 1442 बूथों के लिए पार्टियां रवाना होंगी
Feb 11 2022 8:15PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। शुक्रवार से पोलिंग पार्टियों की दूरस्थ क्षेत्रों में रवानगी का सिलसिला शुरू हो गया। उधर उत्तराखंड में मतदान के दिन बर्फबारी का भी अलर्ट है। जिन बूथों पर बर्फबारी हो सकती है, उनकी संख्या 1477 है। इनमें से 35 बूथ ऐसे हैं, जहां बर्फबारी बहुत ज्यादा असर हो सकती है। इसके अलावा 1442 बूथ ऐसे हैं, जहां हल्की बर्फबारी हो सकती है। 14 फरवरी को होने वाले मतदान पर बर्फबारी भारी न पड़े, इसके लिए भी खास तैयारी की गई है। प्रदेश में कई मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को 10 से 20 किमी तक पैदल चलना पड़ता है। इन जगहों पर पैदल दूरी के अनुसार ही पोलिंग पार्टियों की रवानगी की जाती है। इसी कड़ी में शुक्रवार को 35 पोलिंग पार्टियों को मतदेय स्थलों के लिए रवाना किया गया। ये पोलिंग पार्टियां ज्यादा बर्फबारी वाले क्षेत्रों में भेजी गई हैं। शुक्रवार को उत्तरकाशी के 17 और पिथौरागढ़ के 18 बूथों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना की गईं। अपेक्षाकृत कम बर्फबारी वाले क्षेत्रों में शनिवार को पोलिंग पार्टियां भेजी जाएंगी, जिनकी संख्या 1442 है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने चुनाव आयोग से भारी बर्फबारी वाले बूथों के लिए 72 घंटे पहले यानी तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां भेजने की अनुमति ली है।
मतदान से एक दिन पहले प्रदेश के 10 हजार 222 बूथों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना की जाएंगी। मतदान के लिए उत्तराखंड को 276 जोन में बांटा गया है, जिनमें 1447 सेक्टर हैं। चुनाव आयोग ने प्रदेश में इस बार 156 मॉडल बूथ बनाए हैं, जिन पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन 156 में से सर्वाधिक 24 बूथ हरिद्वार जिले में हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या के मुताबिक मतदान समाप्ति के बाद उसी दिन प्रदेश की 9385 पार्टियां लौट आएंगी। जबकि 2312 पोलिंग पार्टियां दूसरे दिन वापस पहुंचेंगी। प्रदेश में इस बार 101 सखी बूथ बनाए गए हैं, जिन पर पोलिंग का पूरा स्टाफ महिलाएं होंगी। इसके अलावा प्रदेश में इस बार छह दिव्यांग बूथ भी बनाए गए हैं। 14 फरवरी को संपन्न होने वाले चुनाव के लिए शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा को सील किया जाएगा। चुनाव के लिए हाईटेक इंतजाम करते हुए 5860 बूथों पर वेब कास्टिंग के इंतजाम भी किए गए हैं।