पिथौरागढ़ के किसानों के नाम बड़ी उपलब्धि, बर्तिया चावल को मिला विशेष अधिकार..जानिए इसके गुण
पिथौरागढ़ के Munsiyari बर्तिया धान Bartiya dhaan पौष्टिक गुणों की खान है। यह कई बीमारियों में भी कारगर बताया जाता है।
Apr 9 2022 6:29PM, Writer:कोमल नेगी
प्रदेश के प्रगतिशील किसान नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक अच्छी खबर पिथौरागढ़ से आई है।
Munsiyari Bartiya dhaan got special rights
यहां मुनस्यारी के चेटीचिमला गांव में रहने वाले रहने वाले काश्तकारों को बर्तिया धान के उत्पादन एवं बिक्री का विशेष अधिकार मिल गया है। चेटीचिमला, मुनस्यारी, जिला पिथौरागढ़ के काश्तकारों की धान की विशेष किस्म बर्तिया को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के तहत पंजीकृत कर लिया गया है। जिसके बाद इस विशेष किस्म के धान के उत्पादन और उसकी बिक्री का अधिकार चेटीचिमला के किसानों के पास होगा। हिमालय कृषि एवं ग्रामीण विकास स्वायत्त सहकारिता संघ मुनस्यारी के मुख्य कार्यपालक लक्ष्मण सिंह बृजवाल ने विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान को बर्तिया धान के बीज उपलब्ध कराए। जिसके बाद संस्था ने अपनी प्रयोगशाला में परीक्षण के बाद धान को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के पास भेजा। प्राधिकरण ने डीयूएस परीक्षणों में सफलता के बाद बर्तिया धान को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण में पंजीकृत कर दिया। आगे पढ़िए
यहां आपको बर्तिया धान की खूबियां भी बताते हैं।
Bartiya dhaan Health Benefit
बर्तिया धान उच्च उपजशीलता और पौष्टिक गुणों से भरी हुई है। यह कई बीमारियों में भी कारगर बताई जाती है। धान की इस प्रजाति का प्रयोग मुख्य रूप से खाजा, च्यूड़ा और खीर आदि बनाने में किया जाता है। धान की किस्म के रजिस्ट्रेशन के बाद क्षेत्र के किसानों को भविष्य में काफी लाभ मिलेंगे। अगर कोई दूसरा इनके इस प्रजाति के बीजों से उत्पादन करेगा तो क्षेत्रीय किसान मुआवजे के हकदार होंगे। संरक्षणकर्ता को इस प्रजाति के उत्पादन और विपणन का विशेष अधिकार होगा। अगर Munsiyari Bartiya dhaan की यह नई प्रजाति नई किस्म के विकास के प्रयोग में काम आती है तो इसका लाभ पाने का अधिकार भी इन क्षोत्रीय काश्तकारों को होगा।