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Uttarakhand news: ताकुला के गोकुल ने जीवन में नहीं मानी हार, आर्मी ऑफिसर बनकर बढ़ाया मां का मान

गोकुल सिंह गुसांई जब एक साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। आज वह सेना में अफसर बन गए हैं।
Dec 6 2023 8:20PM, Writer:कोमल नेगी

देश सेवा के मामले में उत्तराखंड के नौजवानों का कोई मुकाबला नहीं।

Gokul singh gusain of almora became army officer

यहां के होनहार सेना में अहम पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। इन होनहारों में एक नाम गोकुल सिंह गुसांई का भी है। जो भारतीय नौसेना एकेडमी, केरला से पास आउट होकर सब-लेफ्टिनेंट बन गए हैं। अब वो सेना में अफसर के तौर पर सेवाएं देंगे। गोकुल सिंह गुसांई अल्मोड़ा के ताकुला विकासखंड के ग्राम डोटियालगांव के रहने वाले हैं। उन्होंने एनडीए पासआउट कर लिया है। आज हम गोकुल की सफलता देख रहे हैं, लेकिन इसे पाने के लिए उन्हें कड़े संघर्ष से गुजरना पड़ा। 1 सितम्बर 2002 को जन्मे गोकुल ने गांव में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए पीलीभीत अपनी रिश्तेदारी में चले गए। गोकुल के जन्म के मात्र एक साल बाद साल 2003 में लम्बी बीमारी के चलते उनके पिताजी इंदर सिंह गुसांई की मृत्यु हो गई थी। पिता की मौत के बाद उनकी मां के सामने कई चुनौतियां थीं, लेकिन उन्होंने संघर्ष जारी रखा और बेटे को काबिल बनाने में जुट गईं।

ऐसी स्थिति में उनको गोकुल के दादाजी ग्राम जाखसौड़ा निवासी सेवानिवृत अध्यापक राम सिंह पिलख्वाल व मामा सूबेदार मेजर गोविन्द पिलख्वाल की तरफ से हरसंभव मदद मिली। गोकुल भी माता के संघर्ष को समझते थे। इंटर करने के बाद साल 2020 में एनडीए(NDA) में उनका सेलेक्शन हो गया। 25 नवंबर 2023 को भारतीय नौसेना एकेडमी केरला से पास आउट होकर गोकुल सब लेफ्टिनेंट बन गए हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता भगवती गुसांई को दिया। उन्होंने कहा कि अगर संघर्ष के वक्त में उनके दादाजी राम सिंह पिलख्वाल व मामा सूबेदार मेजर गोविन्द पिलख्वाल ने मदद न की होती, तो शायद आज वह कामयाब नहीं हो पाते। गोकुल की सफलता से क्षेत्रवासी भी गदगद हैं। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने गोकुल सिंह गुसांई को शुभकामनाएं दीं व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।


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