उत्तराखंड पर ‘ड्रैगन’ की बुरी नज़र, डोकलाम के बाद देवभूमि को कब्जाने का प्लान!
चार से ज्यादा बार ऐसी खबर आ चुकी है कि चीन ने चमोली जिले के बाराहोती सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की । क्या उत्तराखंड दूसरा डोकलाम बनेगा?
Sep 14 2018 10:30AM, Writer:रश्मि पुनेठा
चीन ने एक बार फिर से उत्तराखंड से लगी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की हिमाकत की है। डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बरकरार है। इस विवाद के बाद से चीनी सेना ने कभी अरुणाचल प्रदेश के उत्तरी पैगोंग झील के पास घुसपैठ कर तनाव बढ़ाया है तो कभी उत्तराखंड के चमोली जिले के बाराहोती में घुस कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। दरअसल, बाराहोती का ये इलाका हमेशा चर्चा में रहा। यहां चीन हमेशा घुसपैठ कर ये जताने की कोशिश करता है कि वो उसका इलाका है। करीब 80 हजार स्क्वायर फीट में फैला ये इलाका बहुत बड़ा चारागाह है, जो कि दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए समय -समय पर चीन भी इस इलाके पर दावा करता है। लेकिन भारतीय जवानों की जांबाजी से चीन को अपने कदम वापस रखने पड़ते हैं।
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अब हालात में पहले के मुकाबले काफी बदल चुके है। बसावट वाला बाराहोती अब पलायन की वजह से पूरी तरह खाली हो चुका है। इसी बात का फायदा चीन सेना लगातार घुसपैठ कर उठा रही है। खबर है कि अगस्त महीने में चीन ने चमोली जिले के बाराहोती गांव में तकरीबन साढ़े तीन किलोमीटर तक घुसपैठ की। इससे पहेल भी चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने सेंट्रल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control - LAC) को तीन बार 6 अगस्त, 14 अगस्त और 15 अगस्त के दिन लांघा था। चीन की तरफ से इस तरह की कोशिशें लगातार हो रही है। अब सवाल यही उठता है कि क्यों चीन बार बार इस तरह की हरकत कर रहा है जो दोनों देशों के बीच तनाव बनाए हुए है? क्या चमोली जिले का बाराहोती सेक्टर दूसरा डोकलाम बनने जा रहा है?
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हालांकि चमोली की जिलाधिकारी स्वाती एस भदौरिया की तरफ से बाराहोती क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम भेजे जाने की पुष्टि तो की गई थी, लेकिन सीमा क्षेत्र में घुसपैठ की किसी भी सूचना से उन्होंने इनकार कर दिया। इतनी बार घुसपैठ की खबरें सामने आई और प्रशासन द्वारा इस तरह का इनकार भी समझ से परे है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि चीन के लिए बाराहोती आसान निशाना बनता रहा है। उत्तराखंड चीन के साथ 345 किलोमीटर लंबी सरहद साझा करता है। उत्तराखंड के तीन जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ चीन की सीमा के नजदीक हैं। ये ही वजह है कि उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में चीनी सैनिकों की सरगर्मियों का लंबा इतिहास रहा है। अब देखना है कि आगे क्या होता है।