पहाड़ का बेटा..दिल्ली की नौकरी छोड़कर गांव लौटा, गौपालन और मुर्गी पालन से धांसू कमाई
पहाड़ के लोगों के लिए मिसाल बने संदीप गोस्वामी। दिल्ली की नौकरी छोड़कर गांव लौटे और मेहनत से स्वरोजगार के जरिए हासिल की कामयाबी। आप भी पढ़िए ये अच्छी खबर
Sep 18 2018 5:52PM, Writer:रश्मि पुनेठा
उत्तराखंड के आज कई इलाके ऐसे है जो पलायन की वजह से सुनसान हो चुके है। नौकरी की तलाश में युवा पीढ़ी अपने गांव को विरान छोडकर दूसरे राज्यों का रूख कर रही है। लेकिन हम आज आपको ऐसे ही युवक की जिन्दगी के बारे में बताने जा रहा है जो सपने लेकर देश की राजधानी दिल्ली गया लेकिन कड़ी मेहनत और ईमानदारी के बावजूद निराशा ही उसके हाथ लगी। संदीप गोस्वामी ये वो नाम है जिसने परेशानियों के सामने कभी हार नहीं मानी। संदीप ने अपना मुकाम खुद हासिल किया है। संदीप रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि शहर के पास हाट गांव के रहने वाले हैं। मंदाकिनी नदी के किनारे बसे इस गांव के लड़के ने परिवार को अच्छी जिन्दगी देने का सपना देखा और उसे पूरा करने दिल्ली चला गया लेकिन वहां दो साल तक नौकरी करने के बावजूद वो अच्छी जिंदगी के लिए संघर्ष ही कर रहे थे। जो सैलरी मिल रही थी उसे ना संदीप संतुष्ट थे और ना ही उनके परिवार का भरण पोषण ठीक से हो पा रहा था।
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मेहनत और ईमानदारी के बाद जब संदीप को दिल्ली में न मनचाही तनख्वाह हासिल हुई और न ही मनचाहा काम तो वह वापस अपने गांव अपने परिवार के पास लौट आए। दिल्ली से निकलते वक्त संदीप ने मन में सोचा था कि वह अब पहाड़ में ही रहकर कुछ ऐसा काम करना है जिससे स्वरोजगार के साथ-साथ ही अच्छी आमदनी भी हो सके। इसके बाद उन्होंने अपने गांव में साल 2013 में सबसे पहले मुर्गी पालन का काम शुरू किया और 2 साल बाद ही उन्हें इस काम से और अपनी लगन से अच्छी आमदनी हासिल होने लगी। कहते है कि इंसान चाहे तो पहली कामयाबी पाकर वही ठहर सकता है या फिर और बड़ी कामयाबी को तलाश कर सकता है। संदीप गोस्वामी के साथ भी यही हुआ। मुर्गी पालन में अच्छी आमदनी के बाद उन्होंने गाव में डेयरी फार्म का काम शुरू करने की सोची। उन्होंने बैंक से कुछ लोन लेकर डेयरी का काम शुरू कर दिया। इस काम में उन्हें मदद मिली पशु चिकित्सा अधिकारी रमेश नितवाल की।
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जिन्होंने उन्हे होलिस्टन फिजियन नस्ल की गायें रखने की राय दी। उसके बाद इसी नस्ल की एक दर्जन गायें संदीप ने ली। एक गाय उन्हें एक समय में 10 से 12 लीटर दूध दे रही है इस हिसाब से वो हर दिन लगभग 100 लीटर दूध मार्केट में सप्लाई करते हैं इसके बावजूद भी लोगों को ये दूध पूरा नहीं हो पा रहा है। डेयरी के काम से बहुत अच्छी आमदनी भी हो रही है और साथ ही उन्होंने अपनी डेयरी में अब 5 लोगों को रोजगार भी दे रखा है। उम्मीद है कि संदीप आगे भी कई लोगों को इस रोजगार से जोड़ेंगे। मेहनत औऱ ईमानदारी दो ऐसी चीजें है जो इंसान को जिंदगी में कामयाबी दिलाती है। अपन गांव के साथ साथ आसपास के गांवों के लोगों के लिए इसकी मिसाल बन चुके है संदीप गोस्वामी। आज उनसे प्रभावित होकर कई लोगों ने इन कामों को अपनाया लिया है।