पहाड़ में दर्द से तड़पती रही गर्भवती महिला, 108 एंबुलेंस ने रात एक बजे सड़क पर छोड़ दिया!
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का कैसा बुरा हाल है, इसकी बानगी तभी देखने को मिली जब दर्द से तड़पती एक गर्भवती महिला को रात 1 बजे एंबुलेंस से उतार दिया गया।
Sep 24 2018 3:10PM, Writer:रश्मि पुनेठा
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की कैसी शर्मनाक स्थिति है इसकी बानगी देखने को मिली उत्तरकाशी में, जहां एक प्रसव पीड़िता को यह कहकर एबुलेंस से नीचे उतार दिया गया। कहा गया कि गाड़ी में तेल खत्म हो गया है। आपातकाल यानी इमरजेंसी के लिए ये तैयारियां हैं पहाड़ में ? इस शर्मनाक घटना ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की मरीजों को लेकर संवेदनहीनता को जाहिर कर दिया। मामला उत्तरकाशी के डुंडा में जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर थाती गांव का है। यहां रहने वाले मनीषा के परिवार ने प्रसव पीड़ा शुरू होने पर 108 सेवा पर कॉल करके एंबुलेंस को बुलाया। जिसके बाद एबुलेंस मौके पर भी पहुंची और मनीषा को लेकर जिला अस्पताल के लिए भी रवाना हुए। लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों का अमानवीय चेहरा सामने आ गया।
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डुंडा में ही मनीषा को रात एक बजे ये कहकर एबुलेंस से उतार दिया कि गाड़ी में तेल खत्म हो गया है। मनीषा के पति धनपति लाल के मुताबिक डुंडा में आधी रात को एबुलेंस से उतारे जाने के बाद उन्होंने उत्तरकाशी 108 सेवा को फोन किया लेकिन वहां भी दूसरी गाड़ी उपलब्ध नहीं हो पाई। जिसके बाद किसी तरह मनीषा को गांव के लोगों की मदद से तीन घंटे बाद जिला महिला अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं 108 स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों के बर्ताव से मनीषा के परिजनों में भारी नाराजगी है। इन सब के बीच जेहन में यही सवाल उठता है कि जिस तरह से आधी रात को मनीषा को बीच सड़क पर उतार दिया गया था अगर उस वक्त उसके साथ कोई अनहोनी घटना हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। यह घटना जिले की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
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कहने को तो यहां 6 विकास खंडों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी, पुरोला, नौगांव, चिन्यासीसौड़, डुंडा, भटवाडी है। लेकिन लोगों को अकसर अपने इलाज के लिए देहरादून का रूख करना पड़ता है। वहीं इस मामले के बारे में जिले के सीएमओ विनोद नौटियाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिम्मेदार कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। लापरवाही मिलने पर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. आषीश चौहान ने भी 108 के कर्मचारियों को फटकार लगाई और सीएमओ से इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए और दोषी अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही करने की बात कही। ऐसा नहीं है कि 108 की खस्ताहाल सेवा का ये पहला मामला है। इससे पहले भी कई दफा लोगों को 108 सेवा की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा है।