गढ़वाल यूनिवर्सिटी में देश का दूसरा LLN सेंसर, अब 4 घंटे पहले आपदा का पता चल जाएगा
उत्तराखंड के लिए एक शानदार खबर है। देश का दूसरा LLN सेंसर श्रीनगर में स्थापित होने जा रहा है। इसकी मदद से 4 घंटे पहले ही आपदा का पता चल जाएगा।
Oct 3 2018 8:10AM, Writer:मिलिंद रुवाड़ी
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश के आते ही स्थानिय लोगों की रूह कांपने लगती है। हर वक्त एक बड़े हादसे का डर दिल में घर कर जाता है। आपदा की वजह से टूटते पहाड़, जगह जगह भूस्खलन में कई लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में इससे पार पाने के लिए एक शानदार काम हो रहा है। दरअसल उत्तराखंड के श्रीनगर में देश का दूसरा लाइटनिंग लोकेशन नेटवर्क यानी LLN सेंसर स्थापित हो रहा है। अच्छई बात ये है कि 21 अक्टूबर से ये LLN सेंसर काम करने लगेगा। IITM पुणे की मदद से HNB गढ़वाल यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट में इसके लिए लेबोरेट्री तैयार हो रही है। इस लेबोरेट्री के माध्यम से वैज्ञानिकों को मौसम में हो रहे अचानक बदलावों की सटीक जानकारी मिल सकेगी। वक्त से पहले ही अलर्ट जारी होने से आपदा के नुकसान को कम किया जा सकता है। अब आपको बताते हैं कि आखिर ये LLN सेंसर काम कैसे करता है।
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दरअसल वातावरण में इलेक्ट्रिक वेब हर वक्त प्रवाहित होती रही हैं। मौसम में अगर किसी भी तरह का बदलाव होता है तो इन इलेक्ट्रिक वेब में बदलाव होता है। इन तरंगों की तीव्रता क्या है? इस दौरान इसका अध्ययन करने पर मौसम के पूर्वानुमान की सटीक जानकारी हासिल हो सकती है। गढ़वाल यूनिवर्सिटी के फिज़िक्स डिपार्टमेंट में इसी अध्ययन के लिए लाइटनिंग लोकेशन नेटवर्क यानी LLN सेंसर स्थापित किया जा रहा है। फिजिक्स डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर आलोक सागर ने मीडिया के बातचीत में बताया है कि अगर इन इलैक्ट्रिक पैरामीटर की निगरानी की जाए, तो मौसम में कहीं भी होने वाले बदलाव को 4 घंटे पहले ही बताया जा सकता है। इस सेंसर के ज़रिए मौसम की सटीक भविष्वाणी हासिल की जा सकती है। ये सेंसर 21 अक्टूबर से काम करने लगेगा।
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मौसम परिवर्तन की सटीक भविष्यवाणी सेंसर के माध्यम से जा सकती है। फिलहाल देश का पहला LLN सेंसर IITM पुणे में स्थापित है। गर्व की बात ये है कि उत्तराखंड में अब देश का दूसरा LLN सेसंर स्थापित होगा। डा. गौतम ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि उन्होंने IITM के वैज्ञानिक डा. एसडी पवार से गढ़वाल यूनिवर्सिटी में सेंसर स्थापित करने की बात बात कही थी। डा. पंवार ने इसे मंजूरी दी और गढ़वाल यूनिवर्सिटी के फिज्क्स डिपार्टमेंट को सेंसट भेज दिए हैं। ये सेंसर डॉक्टर पंवार ने ही बनाया है और 21 अक्टूबर को वो ही इस सेंसर को चालू करेंगे। देहरादून मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने इस बारे में बताया है कि अब तक उत्तराखंड में कोई LLN सेसंर नहीं था। अगर गढ़वाल यूनिवर्सिटी में इसे लगाया जाता है तो ये पहली बार होगा।