उत्तराखंड के सपूत को कश्मीर के पत्थरबाजों ने मारा, अब कहां गए राजनीति करने वाले?
कशअनीर के पत्थरबाजों के लिए नर्म दिल रखने वाले लोग आज जवाब दें। उत्तराखंड के एक परिवार का इकलौता बेटा शहीद हुआ है। इसका जवाब कौन देगा ?
Oct 28 2018 4:49AM, Writer:आदिशा
देश में ऐसा पहली बार हुआ है। सेना का कोई जवान पत्थरबाजों की पत्थरबाजी का शिकार बना और शहीद हो गया। आज तक तना तो ऐसा कभी सुनने में आया और ना ही देखने में। इसके बाद भी देशभर में कुछ लोग और कुछ राजनैतिक पार्टियां ऐसी हैं, जो पत्थरटबाजों का समर्थन करती हैं। कश्मीर में पत्थरबाजों पर एक्शन लो, तो गढ़वाल राइफल पर FIR दर्ज होती है। कश्मीर में पत्थरबाजों पर कार्रवाई करो, तो देश का जवान शहीद होता है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब पत्थरबाजों की वजह से देश की सेना के जवान को शहीद होना पड़ा और वो शहीद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट तहसील के बडेना गांव का राजेन्द्र सिंह बुंगला था। उत्तराखंड के समाजसेवी रोशन रतूड़ी पूछते हैं कि आखिर कब तक इसी तरह से देश के वीर सपूत अपनी जान की कुर्बानी देंगे ? आखिर कब तक कश्मीर के पत्थरबाज़ों को कुछ राजनैतिक संगठन पनाह देते रहेंगे?
यह भी पढें - Video: अपने गांव पहुंचा उत्तराखंड शहीद का पार्थिव शरीर, रो-रोकर बेहोश हुई मां!
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के ट्राइ जंक्शन में अलगाववादियों के पथराव में राजेन्द्र सिंह बुंगला शहीद हुए हैं। देश की ही कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसी हैं, जो पत्थरबाजों के समर्थन में खुलकर सामने आ रही हैं। रोशन रतूड़ी का सवाल है कि क्या अब उन्हें ये तस्वीर नहीं दिखती कि किसी के घर का इकलौता बेटा चला गया ? उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट में बडेना गांव के लोगों ने दो दिन से अपने घर में चूल्हे नहीं जलाए। किसी के घर से धुंआ तक नहीं उठा। इस गांव के वीर सपूत के चले जाने से मातम का माहौल पसरा हुआ है। गांव में शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा, तो मां बदहवास हो गई और पिता बेहोश हो गए। बहनों की चीख पुकार से पूरा गांव रोने लगा। हर किसी की आंखों में नमी थी तो अंदर से गुस्सा भरा हुआ था।
यह भी पढें - Video: अपने गांव पहुंचा उत्तराखंड शहीद का पार्थिव शरीर, रो-रोकर बेहोश हुई मां!
जम्मू कश्मीर में जो हो रहा है वो चिंता का विषय है। कभी गढ़वाल राइफल पर एफआईआर दर्ज होती है, तो कभी सेना का जवान शहीद हो रहा है। आखिर क्या हो रहा है इस देश में? देश के पीएम नरेंद्र मोदी, आर्मी चीफ बिपिन रावत, एनएसए अजित डोभाल को मिलकर ऐसे लोगों के लिए कोई रणनीति नहीं बनानी चाहिए ? कुछ वक्त पहले आर्मी की तरफ से बयान आया था कि वो पत्थरबाजों को जिंदगी की मुख्य धारा में ला रहे हैं, उन्हें पढ़ाया लिखाया जा रहा है। इन हरकतों को देखकर तो लगता है कि ये नहीं सुधरने वाले। शहीद राजेन्द्र सिंह बुंगला के घर में कमाने वाला और को नहीं है। क्या पत्थरबाजों के लिए नरम दिल रखने वालों को ये नहीं दिखता? अलगाववादियों को सपोर्ट करने वाले आज एक जवान की अर्थी देख लें, फिर आगे कुछ बोलें।
भारतीय 🇮🇳सेना ज़िन्दाबाद ।
वीर जवान सैनिक अमर रहे ।सत ,सत नमन ।
एक और वीर जवान सैनिक की पत्थरों से मार मारकर हत्या कर दी । कब तक हमारे वीर जवान सैनिक पत्थरों से निहाथा बनकर शहीद होते रहेंगे ।
मेरी देश के ग्रहमन्त्री व रक्षामन्त्री से हाथ जोड़कर विनती है कि हमारे वीर जवान सैनिक शेरों को खुली अजादी दी जाये। आप अपने वोट बैक की राजनीति फिर कभी कर लेना पहले देश व सैनिकों को के रक्षा के बारे मैं सोचो ..! कही ऐसा ना हो कि देश की भागडोर हमारी सेना अपने हाथों में ले,और सारी राजनीति पार्टियों को भागना पड़ जाये । देश के वीर जवानों का सम्मान करोगे तो आप सब सुरक्षित रहोगे ।
ग्राम प्रधान से लेकर राष्ट्रपति तक सब वीर जवान सैनिकों की वजह से चैन की नींद सोते है । अपने वीर जवानों का अपमान देश की जनता किसी भी क़ीमत पर हरगिज़ सहन् नहीं करेगी ।जिसके घर का चिराग़ बुझ गया उस माँ से पुछो,उस बहन से पुछो जिसका माँग का सिंदुर हमेशा लिए उजड़ गया,उन बच्चों से पुछो जिन्होंने अपने पिता खो दिया ।
काश हमारे राजनेता भी देश से उतना ही प्यार करते,जितना की हमारे बहादुर वीर सैनिक करते हैं ।
जय हिंद ।जय भारत ।जय उतराखंड ।
आपका सेव
रोशन रतूड़ी
RR Humanity-1St Uttrakhand
Posted by Roshan Raturi RR on Friday, October 26, 2018