उत्तराखंड के 16 हजार विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को तोहफा, रंग लाई सांसद बलूनी की पहल
उत्तराखंड के हजारों विशिष्ट बीटीसी शिक्षक काफी वक्त से डिग्री की मान्यता की मांग कर रहे थे। उनका साथ दिया है राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने।
Nov 14 2018 10:30AM, Writer:आदिशा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के लगभग सोलह हजार एक सौ आठ विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को विशेष तोहफा दिया है। उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग का सांसद बलूनी की पैरवी के चलते न्याय के अंतिम पायदान पर पंहुची है।
दरअसल कुछ वक्त पहले विशिष्ट बीटीसी के विषय पर राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने सांसद अनिल बलूनी से भेंट की थी। सभी ने बीटीसी की डिग्री की मान्यता की न्यायोचित मांग की थी। उस दौरान सासंद बलूनी ने सभी को आश्वस्त किया था कि वो केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से बातचीत करके उन्हें दिल्ली बुलाएंगे।
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इसी सिलसिले में विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों ने सासंद बलूनी के साथ केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट की। प्रकाश जावड़ेकर ने उसी समय एनसीटी के सदस्य सचिव संजय अवस्थी से चर्चा करके इस विषय के तत्काल समाधान पर आदेश दिया।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सांसद बलूनी को बताया इस विषय पर बिल राज्यसभा में है। ये बहुत महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि उत्तराखंड के इन शिक्षकों ने एनसीटी की मान्यता प्राप्त संस्था से बीटीसी का 6 महीने का कोर्स उत्तीर्ण किया है, इसलिए उनके अधिकारों और सेवा शर्तों के साथ न्याय अवश्य होगा। इसी आगामी सत्र में राज्यसभा में इस विषय पर चर्चा होगी और शीघ्र ही उत्तराखंड के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को राहत मिलेगी।
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साफ तौर पर दिख रहा है कि राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी राज्य के विषयों को लेकर केंद्र में गंभीर हैं और उनकी कोशिशें भी धरातल पर निरंतर दिखाई दे रहे हैं। उत्तराखंड के विशिष्ट बीटीसी शिक्षक जिनकी संख्या लगभग 16108 है। वो लंबे वक्त से अपनी बीटीसी की डिग्री की मान्यता की न्यायोचित मांग को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्रालय में न्याय की मांग कर रहे थे। केंद्र और राज्य के प्रशासनिक समन्वय में संवादहीनता और अनदेखी की वजह से इन शिक्षकों की वरिष्ठता और अनुभव से न्याय नहीं हो पा रहा था। इन प्रयासों के लिए राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने सांसद बलूनी का आभार जताया। देखिए केंद्रीय मंत्री क्या कह रहे हैं।