उत्तराखंड के सभी स्कूलों और अस्पतालों में लगेगा वाई-फाई, हर गांव तक पहुंचेगा इंटरनेट!
अगले एक साल के भीतर उत्तराखंड के सभी स्कूलों और अस्पतालों में वाई फाई लग जाएगा। साथ ही हर गांव तक इंटरनेट की पहुंच होगी।
Nov 27 2018 5:51AM, Writer:रश्मि पुनेठा
इंटरनेट आज के डिजिटल दौर में बेहद जरूरी हो गया है। अब सवाल ये है कि उत्तराखंड के आखिरी गांव तक इसे किस तरह से पहुंचाया जाएगा ? उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अगले एक साल के भीतर उत्तराखंड के गांव गांव तक इंटरनेट की पहुंच होगी। इसके लिए बकायदा टेलीकॉम कंपनियों से बातचीत हो चुकी है। खास बात ये है कि आज के दौर में मेडिकल फैसिलिटी के लिए भी इंटरनेट काफी जरूरी हो गया है। इससे उत्तराखंड के अलग अलग अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ‘हम अस्पतालों और कॉलेजों को फ्री वाई-फाई से कनेक्ट कर दिया जाएगा। इस तरह से अस्पताल या फिर कॉलेजों में किसी भी तरह की नेट रिपोर्ट आने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा’।
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अब सवाल ये है कि जब डॉक्टर ही नहीं होंगे, तो इंटरनेट का क्या काम ? इसके जवाब में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए सरकार ने स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से बातचीत की है। हमारी कोशिश है कि स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुदूर क्षेत्रों तक जाकर भी जटिल से जटिल ऑपरेशनों में सफल हो पाएं। इसके लिए सरकार द्वारा एयर एंबुलेंस और हवाई सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अगर दूर दराज के क्षेत्रों में कोई गंभीर रूप से बीमार होता है, तो वहां डॉक्टर्स को हवाई सेवाओं के जरिए पहुंचाया जाएगा’। अब सवाल ये है कि आखिर वो कौन सी हाईटेक जगह होगी जहां मरीज का इलाज होगा ? इसके जवाब में सीएम ने कहा कि ‘उत्तराखंड के जिला अस्पतालों में हाईटेक आईसीयू की जरूर है और उन्हें बनवाया जा रहा है’।
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इसके अलावा भी कुछ खास बातें हैं, जिनके बारे में भी जानना जरूरी है। कुछ वक्त पहले बैलून टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंटरनेट कनेक्टिविटी का एक टेस्ट देहरादून में किया गया था, जो कि सफल रहा था। हो सकता है कि उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में बैलून टेक्नोलॉजी के जरिए इंटरनेट पहुंचाया जाए। साथ ही बाकी साधनों पर भी विचार संभव है। हालांकि इस बारे में सीएम कह चुके हैं कि सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि ‘जनता की परेशानियों के समाधान के लिए कॉल सेंटर की शुरूआत की योजना तैयार की गई है। कॉल सेंटर का भी नंबर जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। जनता उस नंबर पर फोन कर अपनी परेशानी दर्ज करवा सकेगी।