image: DM mangesh ghildiyal distributed tracksuit in poor students of rudraprayag district

पहाड़ में DM हो तो ऐसा..मंगेश घिल्डियाल ने अपने वेतन से बांटे गरीब छात्रों को ट्रैक सूट

वास्ताव में ऐसे जिलाधिकारी उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देशभर के जिलाधिकारियों के सामने एक मिसाल पेश कर रहे हैं।
Dec 12 2018 1:54PM, Writer:रश्मि पुनेठा

ये बात सच है कि अपने कामों से डीएम मंगेश घिल्डियाल रुद्रप्रयाग ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के लोगों के दिलों में एक अलग जगह बना चुके हैं। कभी गरीब छात्रों के लिए शिक्षा का अनुकूल माहौल तैयार करना, कभी बेसहारा लोगों का सहारा बनना, कभी सुदूर गांवों में जाकर लोगों की समस्या का समाधान करना..इन छोटे छोटे कामों की वजह से वो जनता के दिल में अलग ही जगह बना चुके हैं। इस बीच उन्होंने एक शानदार काम किया है, जिसकी हर जगह तारीफ हो रही है। इस वक्त रुद्रप्रयाग जिला शीतलहर की चपेट में है। पहाड़ों पर बर्फबारी ने आम लोगों के साथ साथ छात्रों के लिए भी मुसीबत पैदा की है। करवट बदलते मौसम ने गरीब घरों के नौनिहालों का जीना दुश्वार किया हुआ है। इस बीच डीएम मंगेश ने दिल जीतने वाला काम किया है।

यह भी पढें - उत्तराखंड का सपूत..पिता करगिल में शहीद हुए थे, अब सेना में अफसर बनकर दिखाया
एक वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक डीएम मंगेश घिल्डियाल ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय धारकोट, कुरझण और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरझण के 77 छात्र-छात्राओं को अपने वेतन से ट्रैक सूट वितरित किए। ठंड में ठिठुरते बच्चों की कंपकपी देखकर डीएम दिल पिघला और तुरंत ही अपनी सैलरी से बच्चों के लिए ट्रैक सूट बनवाने का ऑर्डर दे दिया। भले ही लोगों के लिए ये आम बात होगी लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि अब तक किस जिलाधिकारी या फिर किसी बड़े अधिकारी ने ऐसा काम किया है ? शायद गिने चुने नाम ही जुबान पर आते हैं। डीएम मंगेश ऐसा पहली बार नहीं कर रहे। पिछली सर्दियों की रात में सड़क किनारे सोए बेसहारा लोगों के बीच डीएम मंगेश ने कंबल बांटे थे। बच्चों को शिक्षित करने के लिए सिर्फ डीएम मंगेश ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी भी दो कदम आगे रहती हैं।

यह भी पढें - DM मंगेश घिल्डियाल का बेहतरीन काम..चारधाम परियोजना प्रभावितों के लिए अच्छी खबर
जिन स्कूलों में डीएम ने बच्चों को ट्रेक सूट बनवाने का ऑर्डर दिया, उन स्कूलों के छात्रों के बीच पहुंचकर उन्होंने गणित की क्लास भी ली। आपको ये भी बता दें कि डीएम मंगेश की मेहनत का ही नतीजा है कि पिछली बार प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में सबसे ज्यादा छात्र रुद्रप्रयाग से ही पास हुए थे। कभी डीएम मंगेश शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में पढ़ाते नज़र आते हैं, तो कभी छात्रों के लिए बनने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता जांचने के लिए खुद छात्रों के ही बीच बैठ जाते हैं और भोजन करते हैं। चाहे शिक्षा के डिजिटलाइजेशन की बात हो, या फिर छात्रों के कॉन्सेप्ट क्लीयर करने की बात हो, मंगेश हमेशा बढ़-चढ़कर साथ देते हैं। ऐसे जिलाधिकारियों पर वास्तव में देवभूमि को गर्व है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home