उत्तराखंड में बनेगा पहला कैंसर शोध संस्थान, 200 करोड़ की मदद करेगी मोदी सरकार
उत्तराखंड के हल्द्वानी में कैंसर शोध संस्थान खुलने जा रहा है, इसके बाद गढ़वाल मंडल में शोध संस्थान खोला जाएगा। प्रदेश के लोग यहीं रहकर गंभीर बीमारी का इलाज करा सकेंगे।
Jan 18 2019 8:17AM, Writer:कोमल
कैंसर की बीमारी मरीज के साथ-साथ उसके परिवार को भी तोड़कर रख देती है। कैंसर की बीमारी के इलाज के लिए ग्रामीणों को बड़े शहरों का रूख करना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उत्तराखंड के लोग प्रदेश में ही रहकर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज करा सकेंगे। प्रदेश सरकार ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में कैंसर शोध संस्थान खोलने की तैयारी शुरू कर दी। ये प्रदेश का पहला कैंसर शोध संस्थान होगा। इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की तरफ से भी मंजूरी मिल चुकी है। कैंसर शोध संस्थान बनाने के लिए केंद्र की तरफ से राज्य को 200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता भी मिलेगी। बाकी का बजट प्रदेश सरकार मुहैया कराएगी। आइए इस बारे में आपको कुछ जरूरी बातें बता देते हैं। ये भी जानिए कि इससे रोजगार की दिशा में कैसे काम होगा।
यह भी पढें - अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना को लेकर सोशल मीडिया पर उड़ी अफवाह, सावधान रहें!
प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। कैंसर शोध संस्थान के लिए प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से बजट का प्रावधान करेगी। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं भी शुरू की जाएंगी। प्रदेश सरकार कैंसर शोध संस्थान के लिए 150 पद सृजित करने संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में लाएगी। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग संस्थान पर होने वाले खर्च की रिपोर्ट तैयार कर रहा है। हल्द्वानी में कैंसर शोध संस्थान स्थापित करने के बाद सरकार गढ़वाल मंडल में दूसरा शोध संस्थान स्थापित करने की प्लानिंग कर रही है। कैंसर शोध संस्थान खुलने से प्रदेश के कैंसर रोगियों को इलाज के लिए दूसरे प्रदेशों में नहीं भटकना पड़ेगा, वो उत्तराखंड में ही अपना इलाज करा सकेंगे।