उत्तराखंड में कुपोषण से निपटने के लिए बनी रणनीति, आंगनबाड़ियों की हालत भी सुधरेगी
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने विभागीय अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें महत्वपूर्ण फैसले लिए गए...
Aug 1 2019 10:32PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार और कुपोषण मुक्ति के प्रयास तेज हो गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। शौचालय जैसी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाएगा। जो बच्चे अतिकुपोषित या कुपोषित हैं, उन्हें पर्याप्त मात्रा में पौष्टाहार मिले इसका ध्यान रखा जाएगा। ये निर्देश महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मंगलवार को हुई बैठक में दिए। देहरादून में मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे, सीएम ने कई जिलों में लिंगानुपात कम होने पर चिंता जताई। बैठक में महिला सशक्तिकरण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने अधिकारियों से बात की और राज्य में पोषण अभियान की स्थिति जानी। उन्होंने कहा कि अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि वो सामान्य श्रेणी में आ सकें। कुपोषित बच्चों को उचित पौष्टिक आहार मिलना चाहिए।
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बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए कैलेंडर बनाया जाए और इसे जनप्रतिनिधियों के साथ शेयर करें। महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है। महिलाओं में खून की कमी ना हो इसके लिए टी-3 रणनीति पर काम होना चाहिए। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास सही हो, इसके लिए महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं को बताया जाना चाहिए कि दो बच्चों के जन्म के बीच सही अंतर होना जरूरी है। बैठक में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिन जिलों में लिंगानुपात कम है। उन पर ध्यान दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे जिलों का भ्रमण कर घटते लिंगानुपात की वजह जाननी चाहिए। सीएम ने अधिकारियों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य और जिला स्तरीय समितियों की बैठक का आयोजन करने के निर्देश दिए। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, अपर सचिव एसके सिंह भी मौजूद थे।