वाह! उत्तराखंड में चाइनीज फूड को लगा तमाचा, अब खाइए कोदा से बने मोमो और स्प्रिंग रोल
देहरादून में मंडुवे से केक बन रहा है तो वहीं कोटद्वार में मंडुवे से मोमो-स्प्रिंग रोल बनाए जा रहे हैं...
Sep 25 2019 6:36PM, Writer:कोमल नेगी
मोमो-स्प्रिंग रोल हमारी जीभ को तो बहुत भाते हैं, पर सेहत को नहीं। चाइनीज फूड स्वाद में भले ही हिट हो, पर सेहत के लिए अनफिट होता है। शुक्र है कि अब चाइनीज खाने में मैदे की जगह अपने पहाड़ का मंडुवा ले रहा है। मंडुवे के आटे से कोटद्वार में मोमो और स्प्रिंग रोल जैसे तमाम फूज आइटम्स तैयार किए जा रहे हैं। ये स्वाद में सुपरहिट हैं और सेहत के लिए फिट भी। कोटद्वार के केम्स इंस्टीट्यूट में मंडुवे के आटे से तमाम तरह के फूड आइटम्स बनाए जा रहे हैं। इंस्टीट्यूट में होटल मैनेजमेंट कोर्स करने वाले युवा मंडुवे से नए-नए व्यंजन बना रहे हैं। जो स्वाद और सेहत दोनों में फिट हैं। देहरादून में मंडुवे से केक बन रहा है तो वहीं कोटद्वार में मंडुवे से मोमो और स्प्रिंग रोल बनाए जा रहे हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं। केम्स इंस्टीट्यूट में होटल मैनेजमेंट का कोर्स संचालित करने वाले शख्स हैं अजेंद्र राणा, जिन्हें पहाड़ी खाना बहुत पसंद है। पहाड़ी खाने के साथ वो एक्सपेरिमेंट्स भी खूब करते हैं। वो कहते हैं कि चाइनीज फूड आइटम्स के ठेलों, रेस्टोरेंट्स में लोगों की भीड़ लगी रहती है, पर सच तो ये है कि मैदे से बने ये व्यंजन स्वाद के साथ-साथ केवल बीमारी देते हैं।
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इसके विकल्प की तलाश ही उन्हें मंडुवे तक खींच लाई। अब इंस्टीट्यूट में छात्रों को मंडुवे के व्यंजन बनाना सिखाया जा रहा है। मंडुवे से चाइनीज डिशेज तैयार हो रही हैं। मंडुवे का इस्तेमाल से कई फायदे होंगे। ये लोगों को पहाड़ी अनाज से दोबारा जोड़ेगा। पहाड़ी उत्पादों की खपत बढ़ेगी। मंडुवे से लजीज व्यंजन बनेंगे तो लोग इन्हें सीखेंगे, इन्हें बेचेंगे, जिससे रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा। स्वास्थ्य के लिए भी ये बेहद अच्छा है। इस तरफ ध्यान दिया जाए तो मंडुवा और दूसरे पहाड़ी अनाजों को रोजगार का बेहतर जरिया बनाया जा सकता है। केम्स में पढ़ने वाले छात्र यही कर रहे हैं। ये छात्र मंडुए से नए-नए व्यंजन बनाना सीख रहे हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं।