टिहरी झील का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंचा, स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ी
टिहरी झील का जलस्तर खतरे के निशान 827.45 आरएल मीटर तक पहुंच गया है, जिस वजह से झील के आस-पास बसे गांवों के लोग डरे हुए हैं...
Oct 2 2019 11:27AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश आफत का सबब बनी हुई है। नदियां-गदेरे उफान पर हैं, इसी बीच एक बड़ी खबर टिहरी से आ रही है। लगातार हो रही बारिश से टिहरी झील का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। झील के आस-पास रहने वाले लोग डरे हुए हैं। एक तो भारी बारिश, उस पर टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। टिहरी झील का जलस्तर 827.45 आरएल मीटर तक पहुंच गया है, ये चिंता वाली बात है। क्योंकि बांध प्रशासन को टिहरी झील को 828 आर एल मीटर तक भरने की ही अनुमति है। हालांकि जरूरत पड़ने पर डीएम की तरफ से झील को 830 आर एल मीटर तक भरने की अनुमति दी जा सकती है। झील का जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों के लोग डरे हुए हैं। प्रशासन का कहना है कि डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।
यह भी पढ़ें - देहरादून: सनकी आशिक ने लड़की को बेरहमी से मार डाला, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
टिहरी-धनौल्टी के लोगों की सांसें थमी हुई हैं। जो गांव झील के किनारे बसे हैं, उनमें रहने वाले लोग डरे हुए हैं, इन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि झील का जलस्तर गांव के करीब आ गया है, ये अच्छा संकेत नहीं है। गांव के पास पानी जमा होने की वजह से मवेशियों के डूबने का, हादसे के शिकार होने का खतरा बना हुआ है। धनौल्टी में गांव के नीचे भूस्खलन होने की भी खबर है। इस वक्त टिहरी बांध से 541 क्यूमैक्स पानी छोड़ा जा रहा है, पर ये काफी नहीं है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। जिस वजह से नदियों ने रौद्र रूप ले लिया है। अलकनंदा और भागीरथी नदियां उफान पर हैं, नदियों के किनारे बने कई घर-दुकानें खाली हो गई हैं। रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग जैसे क्षेत्रों में नदियों का भयानक रूप देख लोग डरे हुए हैं। टिहरी बांध का जलस्तर बढ़ने से झील के किनारे बसे कई गांव खतरे की जद में आ गए हैं।